
अब चंद मिनट में होगा जीटीयू विद्यार्थियों की डिग्री का सत्यापन
अहमदाबाद. गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) से इंजीनियरिंग, फार्मेसी, एमबीए, एमसीए या आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अब डिग्री प्रमाण-पत्र के सत्यापन के लिए विवि परिसर तक नहीं आना पड़ेगा। चंद मिनट में ही ऑनलाइन उनकी डिग्री का सत्यापन हो जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि जीटीयू ने ७ लाख विद्यार्थियों के डिग्री व अन्य प्रमाण-पत्र को ऑनलाइन कर दिया है। इससे उच्च शिक्षा के लिए देश-विदेश में जाने वाले या फिर नौकरी के लिए आवेदन करने वाले विवि के विद्याॢथयों को काफी लाभ होगा।
शिक्षा मंत्रालय व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत सभी विश्वविद्यालयों को उनके विद्यार्थियों के शिक्षा के प्रमाण-पत्र डीजी लॉकर में अपलोड करने को कहा है। जिसके तहत जीटीयू ने सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर डिग्री, डिप्लोमा, पीजी और पीएचडी तक के ४० कोर्स के सात लाख से ज्यादा प्रमाण-पत्र और डिग्री प्रमाण-पत्र डीजी लॉकर में अपलोड कर दिए हैं। ऐसा करने वाली जीटीयू गुजरात की इकलौती यूनिवर्सिटी बन गई है। इतना ही नहीं जीटीयू ने देश में टॉप-१० विश्वविद्यालयों में भी जगह बनाई है। विवि ने शैक्षणिक वर्ष २०११ से २०२० तक के सात लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के प्रमाण-पत्र अपलोड किए हैं।
सर्वाधिक ३.३६ लाख प्रमाण-पत्र यूजी कोर्स के
जीटीयू की ओर से डीजी लॉकर में अपलोड किए गए ७ लाख से ज्यादा प्रमाण-पत्रों में सर्वाधिक प्रमाण-पत्र यूजी (डिग्री) कोर्स के हैं। यूजी के ३ लाख ३६ हजार ८७६ विद्यार्थियों के प्रमाण-पत्र अपलोड किए हैं। डिप्लोमा कोर्स के २५३१८४ प्रमाण पत्र, पीजी कोर्स के ९०११४, होटल मैनेजमेंट के २००, आर्किटेक्चर के १०४९ और पीएचडी के २६९प्रमाण-पत्र अपलोड किए हैं। २५३६९ सर्टिफिकेट अन्य डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स के अपलोड किए गए हैं।
दुनिया में कहीं से भी आसानी से होगा सत्यापन
डीजी लॉकर में विद्यार्थी के शिक्षा के प्रमाण-पत्र, डिग्री प्रमाण-पत्र होने से वह दुनियाभर में कहीं से भी आसानी से उन्हें डाउनलोड कर सकता है। इतना ही नहीं विवि परिसर में आए बिना ही ऑनलाइन डीजी लॉकर के माध्यम से उसका सत्यापन भी करवा सकता है। डीजी लॉकर आईटी एक्ट २००० के तहत वैश्विक स्तर पर मान्य है। जिससे इसमें अपलोड प्रमाण-पत्र की वैधता पर कोई सवाल ही नहीं उठता। इसमें प्रमाण-पत्र होने से वह सुरक्षित रहेंगे। इनके खोने या उन्हें नुकसान पहुंचने का डर भी नहीं रहेगा। इससे विद्यार्थियों का समय और खर्च दोनों की बचत होगी।
-डॉ नवीन शेठ, कुलपति, जीटीयू
कोरोना काल में भी नहीं थमा कार्य
जीटीयू के कुलपति नवीन शेठ और कुलसचिव डॉ के एन खेर ने कोरोना काल में भी डीजी लॉकर में प्रमाण-पत्र को अपलोड करने का कार्य नहीं रोकने पर विवि के आईटी प्रमुख केयुर शाह और प्रोग्रामर रूपेन्द्र चौरसिया व उनकी टीम की सराहना की। कहा कि अन्य सभी वर्षों की तुलना में २०२० में सबसे ज्यादा एक लाख से अधिक प्रमाण-पत्र अपलोड किए गए।
इस वर्ष इतने प्रमाण-पत्र किए अपलोड
वर्ष २०११ में १८१५७, २०१२ में ४८१७०, २०१३ में ६२६८६, २०१४ में ७७८०७, २०१५ में ७३८२७, २०१६ में ९५७१६, २०१७ में ७७८८९, २०१८ में ७६८२९, २०१९ में ६९३२७, २०२० में १०६३३ प्रमाण-पत्र अपलोड किए।
ऐसे रख सकेंगे डीजी लॉकर में सॢटफिकेट
विद्यार्थियों को डीजी लॉकर नाम की एप्लीकेशन में या ऑनलाइन जाकर अपना एकाउंट बनाना होगा। फिर गेट द डॉक्यूमेंट फ्रॉम यूनिवर्सिटी विकल्प पर क्लिक करना होगा। उसके बाद उन्हें अपना रोलनंबर डालना होगा और पास किए गए साल का चयन करना होगा। उसके बाद वे प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। इसे शेयर भी कर सकते हैं।
Published on:
30 May 2021 08:56 pm
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