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Gujarat: जीटीयू ने बंद किया गुजराती भाषा में डिग्री इंजीनियरिंग का कोर्स

-लगातार तीन सालों से प्रयास के बावजूद नहीं मिला एक भी छात्र

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Ahmedabad. भारतीय और क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने की केन्द्र सरकार और गुजरात सरकार की योजना को गुजरात में धक्का लगा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जून 2025 से शुरू हो रहे शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में गुजराती भाषा में बेचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) का कोर्स उपलब्ध नहीं होगा। तीन सालों से यह कोर्स महेसाणा स्थित जीपेरी कॉलेज में उपलब्ध था। तीन साल तक प्रयास करने के बावजूद भी इस कोर्स में एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया।

ऐसे में जीटीयू ने गुजराती भाषा में बीई के इस कोर्स को जून 2025-26 से बंद करने का निर्णय किया है।जीटीयू ने मातृभाषा गुजराती में डिग्री इंजीनियरिंग (बीई) की पढ़ाई उपलब्ध कराने के लिए जून 2022-23 से महेसाणा स्थित जीपेरी में चार प्रमुख ब्रांचों- सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में 30-30 सीटों के साथ बीई कोर्स शुरू किया था। इसके लिए गुजराती भाषा में सभी वर्ष की पाठ्यपुस्तकें भी तैयार कराई हैं। इसके बावजूद भी ना तो वर्ष 2023-23 ना 2023-24 और ना ही 2024-25 में एक भी विद्यार्थी ने इस कोर्स में प्रवेश लिया।

विद्यार्थियों को जॉब न मिलने का भय

जीटीयू के कुलसचिव डॉ. के.एन.खेर ने बताया कि लगातार तीन साल तक तहसील स्तर तक प्रयास करने के बावजूद भी गुजराती भाषा में डिग्री इंजीनियरिंग (बीई) कोर्स में एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं मिला मिला। ऐसे में जीपेरी में चलने वाले इस कोर्स को जून-2025 से बंद करने का निर्णय अकादमिक काउंसिल ने किया है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को डर है कि वे गुजराती भाषा में डिग्री इंजीनियरिंग करेंगे तो उन्हें आगे कंपनी में जॉब नहीं मिलेगी,क्योंकि सभी अंग्रेजी भाषा में बीई करते हैं। कंपनियां भी उन्हें तवज्जो देती हैं। इसके अलावा उन्हें यदि विदेश में उच्च शिक्षा के लिए जाना हो तो भी उसमें बाधा आएगी। इसके चलते वे इसमें प्रवेश लेने से कतरा रहे हैं।