
प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए जीयू ने देश के सात विवि-संस्थानों से मिलाया हाथ
अहमदाबाद. प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) ने देश के सात विश्वविद्यालय व संस्थानों से हाथ मिलाया है। सभी मिलकर किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित करेंगे। ऐसे उत्पादों-विशेषकर फल, सब्जी व अन्य को देश व विदेश के बाजार तक पहुंचाने में भी मदद करेंगे।
जीयू के कुलपति डॉ. हिमांशु पंड्या ने बताया कि राजभवन में जीयू ने देश के सात विश्वविद्यालय व संस्थानों के साथ प्राकृतिक कृषि क्षेत्र में शोध, प्रशिक्षण, नेटवर्किंग, मार्केटिंग, इनोवेशन के लिए आपसी सहयोग के लिए एमओयू (करार) किए हैं। सभी अपने-अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। ऐसे में एक दूसरे की विशेषज्ञता का उपयोग करके प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा। गुजरात में जीयू को नोडल एजेंसी बनाया गया है। क्योंकि जीयू ने प्राकृतिक कृषि में पीएचडी कोर्स शुरू करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है।
जिन विवि व संस्थानों से एमओयू किया है,उनमें शेर ए कश्मीर कृषि विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जम्मू के डॉ. प्रदीप वाली, हिमाचल प्रदेश की डॉ. वाय. एस. परमार यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. राजेश्वरसिंह चन्देल, नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी मेघालय के प्रो. प्रभाशंकर शुक्ला, गुजरात की प्राकृतिक कृषि एवं ऑर्गेनिक यूनिवर्सिटी के कुलपति सी.के. टिम्बडिया, नाफेड के प्रबंध निदेशक राजबीर सिंह पंवार, डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई अल्टीट्यूड रिसर्च, लेह- लद्दाख के निदेशक डॉ. ओमप्रकाश चौरसिया, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, नई दिल्ली के कुलसचिव विंग कमांडर (सेवानिवृत) डॉ. पीके. गुप्ता ने हस्ताक्षर किए हैं। यह सभी पदाधिकारी गुजरात विश्वविद्यालय भी पहुंचे।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, नई दिल्ली के कुलसचिव विंग कमांडर (सेवानिवृत) डॉ. पीके. गुप्ता ने कहा कि प्राकृतिक खेती के उत्पाद को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने से जुड़ी नीति बनाने और बाजार दिलाने में वे मददरूप होंगे।
150 एफपीओ बनाएगा नाफेड
नाफेड के प्रबंध निदेशक राजबीर सिंह पंवार ने कहा कि नाफेड देश में प्राकृतिक कृषि के 150 फार्मर प्रड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) बनाएगा। इनके उत्पादों को देश से लेकर विदेश तक पहुंचाने में मददरूप होगा। जीयू नाफेड कर्मचारियों व एजेंसियों के लिए जरूरी प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
इनोवेशन, स्टार्टअप के लिए जीयू के साथ करेंगे काम
डीआरडीओ की लेह लद्दाख स्थित डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाईअल्टीट्यूड रिसर्च के निदेशक प्रो.डॉ. ओमप्रकाश चौरसिया ने कहा कि लेह लद्दाख में काफी सर्दी पड़ती है। ऐसे में वहां सब्जियां, फल उगाना काफी मुश्किल था। पाकिस्तान-चीन की सीमा के चलते बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं। उनके लिए ताजा फल, सब्जियां उगाने के लिए शोध की और आज 50 प्रकार के फल, सब्जियां उगाई जाती हैं। यह तकनीक स्थानीय किसानों को भी सौंपी है जिससे वे भी आय प्राप्त कर रहे हैं। जीयू के साथ मिलकर संस्थान के उत्पादों का ब्रांड तैयार करने, इनोवेशन में काम करेंगे।
गुजरात में 3.17 लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती: पटेल
जीयू पहुंचीं नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नीलम पटेल ने कहा कि वित्तीय लाभ दिए बिना ही सिर्फ प्रशिक्षण देने पर दो सालों में देश के 11 राज्यों में 11 लाख हेक्टेयर भूमि में किसानों ने प्राकृतिक कृषि करना शुरू कर दिया है। गुजरात में 3.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 2.49 लाख किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। राजस्थान में 9 हजार हेक्टेयर में 36 हजार किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।
Published on:
08 Nov 2022 10:50 pm
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