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गुजरात के हरिपुरा में वर्ष 1938 में हुए कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान संपूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया गया था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि गुजरात के इस अधिवेशन से भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता की जड़ें मजबूत होने की शुरूआत हुई।भावनगर में वर्ष 1961 में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद मंगलवार एवं बुधवार को अहमदाबाद में राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है, जिसे लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
आठ अप्रेल को शाहीबाग स्थित सरदार पटेल स्मारक भवन में सुबह 11.30 बजे से कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होगी। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यों के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी के सदस्य व विशेष आमंत्रित नेता भाग लेंगे। शाम पांच बजे गांधी आश्रम में प्रार्थना सभा होगी, उसके बाद रात को पौने आठ बजे रिवरफ्रंट इवेंट सेंटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। साबरमती नदी के तट पर 9 अप्रैल को सुबह नौ बजे आयोजित होने वाले 86 वेें कांग्रेस अधिवेशन में ये सभी नेता भाग लेंगे। पूरे देश से लगभग तीन हजार से अधिक डेलिगेट आएंगे।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने बताया कि गुजरात के सपूत महात्मा गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद की बागडोर संभाली थी, उस समय को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। सरदार पटेल की 150वीं जयंती इसी वर्ष है। गुजरात प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर पटेल सबसे अधिक समय तक अध्यक्ष रहे थे। गुजरात में 64 वर्ष बाद कांग्रेस का अधिवेशन होने जा रहा है। जो गुजरात कांग्रेस के लिए गौरवपूर्ण है। कांग्रेस का पहला अधिवेशन वर्ष 1885 में आयोजित हुआ था।
Published on:
06 Apr 2025 10:42 pm
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