यह तथ्य नामांकन पत्र भरने के दौरान चुनाव आयोग में पेश किए गए शपथ पत्र में प्रत्याशियों की ओर से दी गई जानकारी के गुजरात इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से किए गए विश्लेषण में सामने आए हैं। इसकी रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई।
तीन चुनावों में सबसे कम बाहुबली लड़ रहे चुनाव
एडीआर की गुजरात संयोजक पंक्ति जोग ने बताया कि विश्लेषण के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि तीन लोकसभा चुनाव-2014, 2019 और 2024 में लड़ने वाले उम्मीदवारों में से इस बार सबसे कम बाहुबली प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। धीरे-धीरे ही सही राजनीतिक दल दागी नेताओं को टिकट देना कम कर रहे हैं। यही वजह है कि इस बार 25 सीटों पर लड़ रहे 266 में से 36 यानी केवल 14 फीसदी पर ही आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें से 21 यानि केवल 8 फीसदी पर गंभीर प्रकार के केस दर्ज हैं। 2019 की बात करें तो 26 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले 371 प्रत्याशियों में से 58 यानि 16 फीसदी प्रत्याशी दागी थे, जिसमें से 34 यानि 9 फीसदी पर गंभीर प्रकार के मामले दर्ज थे। 2014 में ऐसे 334 में से 332 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच में सामने आया कि 68 यानि 19 फीसदी प्रत्याशियों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज थे। 33 यानि 10 फीसदी के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।
भाजपा के 15, कांग्रेस के 26 फीसदी उम्मीदवार दागी
एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में चुनाव लड़ रहे भाजपा के 26 में से 4 यानि 15 फीसदी प्रत्याशी दागी हैं, जबकि कांग्रेस के 23 में से 6 प्रत्याशियों यानि 26 फीसदी के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें से भाजपा के 8 फीसदी और कांग्रेस के 13 फीसदी प्रत्याशियों पर गंभीर प्रकार के मामले दर्ज हैं। 2019 में भाजपा ने 26 में से 4 (यानी 15 फीसदी) और कांग्रेस ने 26 में से 10 (यानी 39 फीसदी) दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। भाजपा के 15 जबकि कांग्रेस के 31 फीसदी प्रत्याशियों पर गंभीर प्रकार के मामले दर्ज थे।2014 की बात करें तो भाजपा के 26 में से 9 (यानी 35 फीसदी) और कांग्रेस के 25 में से 9 (यानी 36 फीसदी) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। आप के 24 में से छह (यानी 26 फीसदी) पर आपराधिक मामले दर्ज थे, जिसमें से भाजपा के 27 प्रतिशत, कांग्रेस के 12 और आप के 13 फीसदी प्रत्याशियों पर गंभीर प्रकार के आपराधिक मामले दर्ज थे।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि बीते तीन चुनावों में सबसे कम दागी प्रत्याशी इस बार चुनाव मैदान में हैं। 2014 की तुलना में ऐसे प्रत्याशियों की संख्या 5 फीसदी घटी है, जबकि गंभीर प्रकार के मामलों का सामना करने वाले उम्मीदवारों में दो प्रतिशत कमी आई है। 2019 की तुलना में आपराधिक मामलों में दो फीसदी और गंभीर प्रकार के मामलों का सामने कराने वाले प्रत्याशियों की संख्या में एक फीसदी की गिरावट देखी गई है।
भाजपा, आप, कांग्रेस के एक-एक प्रत्याशी विरुद्ध हेट स्पीच का मामला दर्ज
जोग ने बताया कि 2024 का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में से भरुच से आप प्रत्याशी चैतर वसावा , गांधीनगर से भाजपा प्रत्याशी व केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और वलसाड से कांग्रेस प्रत्याशी अनंत पटेल के विरुद्ध आईपीसी की धारा 153 ए के तहत हेट स्पीच का मामला दर्ज है।