8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Child Labour: गुजरात में पांच वर्षों में 616 बच्चों को मुक्त कराया, 72 लाख का जुर्माना वसूला

गुजरात (Gujarat) में पिछले पांच वर्षों में बाल और किशोर श्रमिक अधिनियम के तहत 616 बच्चों को बाल श्रम (Child Labour) से मुक्त कराया गया। वहीं बाल श्रम करवाने वाले प्रतिष्ठानों से 72.88 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूला गया।जनवरी 2020 से अप्रेल 2025 तक राज्यभर में 4,824 छापे मारे गए, जिनमें से 455 […]

less than 1 minute read
Google source verification

गुजरात (Gujarat) में पिछले पांच वर्षों में बाल और किशोर श्रमिक अधिनियम के तहत 616 बच्चों को बाल श्रम (Child Labour) से मुक्त कराया गया। वहीं बाल श्रम करवाने वाले प्रतिष्ठानों से 72.88 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूला गया।जनवरी 2020 से अप्रेल 2025 तक राज्यभर में 4,824 छापे मारे गए, जिनमें से 455 बाल श्रमिक और 161 किशोर श्रमिक को छुड़ाया गया। बाल श्रम में लिप्त संस्थाओं के खिलाफ 791 आपराधिक मामले दर्ज हुए, जिसमें 339 प्राथमिकी दर्ज की गईं।

बाल श्रम विरोधी कानून में गुजरात की पहल

गुजरात में श्रम आयुक्त कार्यालय की ओर से बाल श्रम के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। वर्ष 2016 में इस अधिनियम में संशोधन कर बाल और किशोर श्रमिक (प्रतिबंध और विनियमन) अधिनियम किया गया। इस कानून के उल्लंघन पर जुर्माना का प्रावधान किया गया। गुजरात सरकार ने इसमें और अधिक कठोरता लाते हुए यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे मामलों में दोषियों को 6 माह से 2 वर्ष तक की जेल या 20,000 रुपए से एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। अपराध की पुनरावृत्ति पर एक से 3 वर्ष तक की जेल की सजा का भी प्रावधान है।

हर जिले में टास्क फोर्स

राज्य सरकार ने हर जिले में कलक्टर की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स गठित की है, जो हर माह बैठक कर छापे की योजना बनाती है और बाल श्रमिकों को मुक्त कराती है। छुड़ाए गए बच्चों को पुनर्वास केंद्र (चिल्ड्रन होम) में आश्रय दिया जाता है। चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडबल्यूसी) की ओर से सत्यापन के बाद उन्हें माता-पिता को सौंपा जाता है। गैर-गुजराती बच्चों को उनके राज्यों की कमेटी से माता-पिता को सौंपा जाता है। बच्चों को उम्र के नुसार स्कूल में दाखिला दिलाया जाता है।