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Gujarat Milk supply stop Agitation सौराष्ट्र में दूध से सफेद हो गई सड़कें, हजारों लीटर दूध व्यर्थ बहाया

पशुपालकों ने किया मवेशी नियंत्रण विधेयक का विरोध नदी में फेंके गए दूध के कैरेट तोड़-फोड़ और दूध गिराने की आधा दर्जन घटनाएं

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Gujarat Milk supply stop Agitation सौराष्ट्र में दूध से सफेद हो गई सड़कें, हजारों लीटर दूध व्यर्थ बहाया

Gujarat Milk supply stop Agitation सौराष्ट्र में दूध से सफेद हो गई सड़कें, हजारों लीटर दूध व्यर्थ बहाया

राजकोट. मवेशी नियंत्रण अध्यादेश के विरोध में पशुपालक समाज ने बुधवार को दूध की आपूर्ति ठप कर दी। इसके चलते सौराष्ट्र सहित गुजरात भर में कई जगहों पर पशुपालक समाज सडक़ों पर उतरा। मंगलवार देर रात जहां राजकोट जिले के वाजडी गांव के पास निजी डेयरी वाहन को रोका गया।

वहीं बुधवार को दूध के कैरेट नदी में फेंक दिए गए। मुजका चौराहे समीप डेयरी की गाड़ी रोककर 29 हजार लीटर सडक़ पर बहा दिया गया। इस घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ यूनिवर्सिटी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई है। दूसरा मामला राजकोट तहसील थाने में दर्ज किया गया। मेटोडा के समीप डेयरी के टैंकर को रोकर 10 हजार लीटर दूध सडक़ पर बहा दिया गया। सोखडा चौराहे पर वाहन रोककर 500 लीटर दूध के केन को सडक़ पर गिरा दिया गया। हवाईअड्डे पर दूध पार्लर में तोड़-फोड़ की गई। यहां से 70 लीटर दूध की थैलियां सडक़ पर फेंक दी गई।

नोएडा लेकर जा रहे वाहन से 29 हजार लीटर दूध बहाया
वहीं दूसरी ओर राजकोट के पास बेडी गांव में होटल खुली रखने के सवाल पर दो समूहों में मारपीट की घटना की जानकारी मिली। दो गुटों में भिडं़त के बाद तोडफ़ोड़ की गई। मंगलवार देर रात मूल उत्तर प्रदेश के डेयरी के चालक हवालदारसिंह मुडिया (37) ने यूनिवर्सिटी थाने में शिकायत दर्ज की।
शिकायत में बताया गया कि करीब 12 लोगों ने मंगलवार देर रात करीब दो बजे मुजका चौराहे के समीप पुल पर डेयरी के वाहन रोककर 29 हजार लीटर सडक़ पर बहा दिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह डेयरी से दूध लेकर दिल्ली के समीप नोएडा जा रहा था। दूसरी घटना में जामनगर लाखाबावड में रहने वाला डेयरी में नौकरी करने वाले चालक जयंती गोहिल (30) ने बताया कि मंगलवार रात्रि 12 बजे वह डेयरी के वाहन में दूध, छाछ, दही आदि लेकर वीरडा वाजडी के पास से जा रहा था। इस दौरान 10 अज्ञात लोगों ने उसके वाहन को रोकर वाहन की सारी चीजों को सडक़ पर बहा दिया। उनका करीब 30 हजार रुपए का नुकसान हो गया। घटना की शिकायत तहसील थाने में दर्ज कराई गई है।

डेयरी के टैंकर का वॉल्व खोला
राजकोट के समीप मेटोडा के पास भीड़ ने डेयरी के टैंकर रोकर उसके वाल्व खोल दिए। इससे 10 हजार लीटर दूध सडक़ों पर बह गया। इस घटना की शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया की गई है। उधर राजकोट के समीप कुवाडवा रोड के सोखडा गांव के चौराहे पर हुई।
यहां सुबह दूध लेकर आ रहे वाहन को आठ से 10 लोगों ने रोककर वाहन से 500 लीटर दूध के 15 कैन सडक़ पर बहा दिए। वाहन चालक ने इस संबंध में कुवाडवा रोड थाने में शिकायत की है। पांचवीं घटना में हवाईअड्डे के समीप दूध पार्लर चलाने वाला युवक पार्लर खोल कर बैठा था। इस दौरान 10 से 12 लोग वहां पहुंचे और पार्लर में तोड़-फोड़ की। कैरट में रखे 70 लीटर दूध की थैलियां सडक़ पर बहा दी गई। इस घटना की शिकायत प्रद्युम्ननगर थाने में की गई। राजकोट के बेडी गांव में सुबह सामने आई। यहां टी स्टॉल चलानेवाले गजेन्द्र बालसरा (32) के साथ पाइप और धोका से मारपीट कर स्टॉल को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया गया है। मारपीट में घायल होटल संचालक को अस्पताल ले जाया गया। वहीं समाने के पक्ष से भी बेडी गांव निवासी चना मुंधवा (49) के घायल होने की जानकारी है। उसे भी अस्पताल ले जाया गया।

दूध वितरण ठप, आंदोलन को समर्थन
राजकोट. मोरबी जिले के हलवद में दूध वितरण ठप करने के आंदोलन का व्यापक असर हुआ। गुजरात मालधारी महापंचायत समिति की ओर से शेरशा में मालधारी महा पंचायत के महासम्मेलन में दूध हड़ताल करने का निर्णय किया गया था। इसके तहत दूध की आपूर्ति पूरी तरह से रोकना था। दूध हड़ताल को हलवद शहर और तहसील में व्यापक समर्थन मिला। बुधवार सुबह से दूध वितरण करने वाले पशुपालक और डेयरी संचालकों समेत होटल बंद रखे गए। पशुपालक अपने 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं।

दूध केन्द्रों पर सुबह से जमा हुए पशुपालक
पशुपालक समाज की ओर से दूध आपूर्ति बाधित करने के आंदोलन के तहत बुधवार सुबह से ही दूध केन्द्रों पर भीड़ जमा होने लगी। शहर में सभी दूध की डेयरी और चाय की लारियां-होटल आदि बंद रखे गए। कोठारिया रोड पर 50 फीट रोड पर रोजाना दूध खरीद-बिक्री के लिए लोगों की भीड़ जुटती है, लेकिन बुधवार को यहां एक भी व्यक्ति दूध बेचने नहीं पहुंचा। सुबह पशुपालक यहां जमा हुए और अलग-अलग क्षेत्रों में बंद कराने निकल गए।

जामनगर में दूध की किल्लत से परेशान हुए लोग
जामनगर. मवेशी नियंत्रण विधेयक समेत अन्य मांगों को लेकर पशुपालकों के आंदोलन का जामनगर शहर और जिले में व्यापक असर हुआ। पशुपालकों के दूध हड़ताल के कारण दूध की कमी हुई। पशुपालकों ने दूध सड़क पर बहाया दिया।
पशुपालकों ने दूध की आपूर्ति बाधित करने के लिए सड़कों पर डेरा डाला और वाहनों को रोका। लालपुर बाइपास के समीप सिटी पुलिस ने गश्त की। वहीं जामनगर शहर के पंचेश्वर टावर के पास दो होटलों को बंद कराया गया। कालावड बाइपास के पास स्थित एक अन्य होटल को भी बंद कराया गया। जामनगर शहर के रणजीतनगर क्षेत्र स्थित डेयरी में एकत्रित होने के बाद पशुपालकों ने सड़कों पर दूध बहाना शुरू किया। पशुपालकों से संबंधित अधिकांश डेयरी बुधवार को बंद रही। कुछ छिटपुट डेयरियां खुली भी दिखी। गांवों से शहर में आकर खुदरा दूध विक्रेताओं ने हड़ताल का समर्थन किया। वे दूध बेचने नहीं पहुंचे। मामले में करीब 10 पशुपालक समाज आंदोलन से जुड़े हैं। पशुपालकों की मांग में विधेयक वापस लेने समेत नंदी होस्टल आबादी को शहर के बाहर फिर स्थापित करने, पशुपालकों की जगह को कानूनन उन्हें देने आदि मांगें शामिल हैं।

दूध बहाने के बजाय दूध के व्यंजन गरीबों को खिलाया
राजकोट. राजकोट के गवरीदल गांव के पशुपालकों ने आंदोलन को समर्थन करते हुए दूध वितरण नहीं किया। गवरीदल गांव के अग्रणी कालू ने बताया कि दूध वितरण नहीं होने से पशुपालकों के दूध का व्यंजन बनाया गया। इस व्यंजन को गांव के पशुपालक समाज समेत गरीब लोगों को पुरी के साथ परोसा गया। दूसरी ओर यदुवंशी गोप भरवाड समाज के धर्मगुरु घनश्याम पुरी बापू के आह्वान पर राजकोट मालधारी सामाज बचे हुए दूध का सिविल अस्पताल, गुंदावाडी अस्पताल में मरीजों और जरूरतमंदों में वितरित किया गया। इसके अलावा मंदिरों मेंं भी वितरित किया गया।