
रायपुर में मलेरियामुक्त की ओर (Photo Patrika)
मच्छर, मक्खी, पिस्सू आदि कीटों से फैलने वाले (वेक्टर बोर्न) रोगों पर नियंत्रण पाने के लिए कीट नाशक छिड़काव का पहला चरण पूरा कर लिया गया है। मलेरिया प्रभावित 21 जिलों में दो लाख की आबादी वाले 192 गांवों में यह राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह विशेष अभियान चलाया गया। अब दूसरा चरण एक अगस्त से शुरू होगा।स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले 28 सप्ताह में मलेरिया के लिए 92 लाख से अधिक रक्त के नमूने जांच को भेजे, इनमें से 860 में मलेरिया की पुष्टि हुई। डेंगू की जांच के लिए 67 हजार से अधिक सीरम नमूनों में से 728 लोग डेंगू और चिकनगुनिया के 130 मामलों की पुष्टि हुई। इस अभियान में 492 वेक्टर नियंत्रक टीम तैयार की गईं। इसके तहत गत नौ से 21 जून तक घर-घर सर्वेक्षण किया गया, जिसमें बुखार जांच व अन्य रोगों कोलेकर 92 प्रतिशत आबादी को शामिल किया। प्रभावित जगहों पर 3,431 स्थानों पर पोरा भक्षक मछलियां रखी गई हैं, ये मछलियां रोग फैलान वाले मच्छरों व अन्य कीटों का खा जाती हैं।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले 3 वर्षों में विभिन्न टीमों ने रोगों की आशंका पर नागरिकों के कुल 4.48 करोड़ से अधिक रक्त नमूने और 4.46 लाख से अधिक सीरम नमूने लेकर उनकी जांच की। इस जांच के दौरान मलेरिया के 8,956 मामले, डेंगू के 15,841 मामले और चिकनगुनिया के 1,345 मामले दर्ज किए गए।
Published on:
16 Jul 2025 10:33 pm
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