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महाराष्ट्र में मराठाओं को ओबीसी आरक्षण तो गुजरात में पाटीदारों को क्यों नहीं?: हार्दिक

पाटीदारों को आरक्षण नहीं तो उग्र होगा आंदोलन: हार्दिक,गुजरात ओबीसी आयोग पाटीदारों का करे सर्वे तो स्थिति साफ

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Hardik patel

महाराष्ट्र में मराठाओं को ओबीसी आरक्षण तो गुजरात में पाटीदारों को क्यों नहीं?: हार्दिक

अहमदाबाद. महाराष्ट्र में मराठाओं को आरक्षण मिलने की बलवंती होती संभावनाओं को देख गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलन करने वाले पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के मुख्य संयोजक हार्दिक पटेल ने एक बार फिर से अपनी आरक्षण की मांग दोहराई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी मराठाओं को जश्न मनाने के लिए तैयार रहने का कहकर आरक्षण देने की तैयारी दर्शाई है।
महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर ही गुजरात में भी अब पाटीदारों को आरक्षण मिलने की मांग फिर से जोर पकडऩे लगी है। खुद हार्दिक पटेल ने मांग की कि पाटीदारों को आरक्षण नहीं मिला तो आंदोलन और उग्र होगा। उसकी जवाबदारी गुजरात सरकार की होगी।
उन्होंने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि महाराष्ट्र में मराठाओं को
ओबीसी में आरक्षण देने का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन यही मांग गुजरात में लंबे समय से पाटीदारों के लिए की जा रही है तो जवाब दिया जाता है कि यह संवैधानिक रूप से संभव नहीं है। हार्दिक ने सवाल किया कि जब गुजरात में पाटीदारों को ओबीसी में आरक्षण देना संवैधानिक रूप से संभव नहीं है तो महाराष्ट्र में मराठाओं को ओबीसी में आरक्षण देना कैसे संभव है?
हार्दिक ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने महाराष्ट्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट में मराठाओं के राज्य में पिछड़े होने का स्वीकार किया है। रिपोर्ट में सबसे अहम बात कही गई है कि मराठाओं को मौजूदा ओबीसी के २७ प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाते हुए उसमें आरक्षण दिया जा सकता है। आरक्षण की ५० प्रतिशत की मर्यादा सुप्रीमकोर्ट की ओर से तय की गई है। महाराष्ट्र पिछड़ा आयोग के सूत्रों का हवाला देते हुए हार्दिक कहते हैं कि आयोग ने यह सिफारिश नहीं की है कि मराठाओं को कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। कोटा फिक्स (तय) करना सरकार का विशेषाधिकार है। इस रिपोर्ट से मराठाओं को ओबीसी का आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
हार्दिक ने कहा कि महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर मराठाओं को ओबीसी का आरक्षण देने के लिए महाराष्ट्र सरकार जल्द ही एक बिल (विधेयक) लेकर आएगी। जिसे महाराष्ट्र विधानसभा में पारित किया जाएगा। यदि कोई विरोध करेगा तो महाराष्ट्र सरकार आयोग की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करेगी। जब महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने मराठाओं की मांग को स्वीकार लिया है तो गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण देने में सरकार को क्या समस्या है? हार्दिक ने कहा कि गुजरात की सरकार यदि पाटीदार समाज का सर्वे नहीं कराएगी और पाटीदार समाज को आरक्षण नहीं देगी तो आगामी दिनों में आंदोलन और ज्यादा उग्र होगा। उसकी पूरी जवाबदारी सरकार की होगी। गुजरात का ओबीसी आयोग एक बार पाटीदार समाज का सर्वे करे तो तत्काल ही पता चल जाएगा कि पाटीदार समाज को आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं।