
Gujarat: आईआईटी गांधीनगर में 2023-24 से ही शुरू होंगे दो नए कोर्स
Ahmedabad. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर के निदेशक प्रो.रजत मूना ने कहा कि बतौर निदेशक उनकी प्राथमिकता संस्थान के विकास को गति देना है। पत्रिका ने उनसे इस संस्थान के बारे में कई मुद्दों पर बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ मुख्य अंश:
सवाल: संस्थान के निदेशक के रूप में आपकी क्या प्राथमिकताएं हैं?
जवाब: आईआईटी गांधीनगर को 15 साल हो गए हैं। अब संस्थान परिपक्वता की तरफ बढ़ रहा है। यह इसके विकास का चरण है। ऐसे में हम नए प्रोग्राम, नए विभाग शुरू करना, अधिक
प्रोफेसर की भर्ती, छात्रों की संख्या को बढ़ाना प्राथमिकता है। इसके लिए संस्थान में जरूरी ढांचागत सुविधाएं-डिपार्टमेंट, होस्टल, आवास को बढ़ाने पर जोर रहेगा। हमारी योजना आगामी पांच साल में विद्यार्थियों की संख्या में साढ़े तीन हजार की वृद्धि करना है। अभी संस्थान में दो हजार से थोड़े ज्यादा विद्यार्थी हैं। चार नई अकादमिक बिल्डिंग भी बन रही हैं। 12 सौ विद्यार्थियों के लिए होस्टल और 400
प्रोफेसर व कर्मचारियों के लिए आवास भी बनाने की तैयारी है।
सवाल: इस शैक्षणिक वर्ष से कौन से नए प्रोग्राम शुरू हो रहे हैं।
जवाब: यहां हर साल बेचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) कोर्स में 300 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। इसी शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से बीटेक में 70 सीटें बढ़ाई जाएंगीं। इसके लिए दो नए प्रोग्राम शुरू किए जा रहे हैं। एक बीटेक-एमटेक ड्युअल डिग्री इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग और दूसरा बीटेक इन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कोर्स है।
सवाल: विदेशी प्रोफेसर और विदेशी विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को लेकर क्या योजना है?
जवाब: इस संस्थान में भर्ती
प्रोफेसर में से 70 ने विदेशी संस्थानों से ही पीएचडी की है या पोस्ट डॉक्टोरल किया है। संस्थान कई ऐसे विशेष अल्पकालिक और लंबे समय के कोर्स चलाता है, जिसमें विदेशी प्रोफेसर को विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में बुलाते हैं।
विदेशी विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने पर भी संस्थान काम कर रहा है। ये रैंकिंग के लिए भी बड़ा पैरामीटर है। इसके लिए संस्थान विदेशी विद्यार्थियों को इंटर्नशिप या कोर्स के लिए या फिर सीधे प्रवेश के माध्यम से लाने की योजना तैयार की जा रही है।
सवाल: छात्र-प्रोफेसर अनुपात के तहत कितने प्रोफेसर की कमी है?
जवाब: संस्थान में करीब दो हजार से कुछ ज्यादा विद्यार्थी हैं। ऐसे में तय अनुपात के तहत संस्थान में 200 प्रोफेसर की जरूरत है। संस्थान में इस समय 165 प्राध्यापक हैं। अन्य संस्थानों की तरह आईआईटी गांधीनगर में भी प्रोफेसर की कमी है। प्रोफेसर की संख्या 200 तक पहुंचाने की लगातार कोशिश की जा रही है। हर साल 10-12 ही प्रोफेसर मिल पाते हैं, क्योंकि प्रोफेसर की उपलब्धता कम है। चूंकि सभी आईआईटी और एनआईटी भी तलाश कर रहे हैं, जिससे प्रोफेसर के पास विकल्प भी कई हैं।
सवाल: नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा में हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की बात है। उस पर क्या कुछ हो रहा है।
जवाब: हिंदी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीक विषय पढ़ाने में सबसे बड़ी समस्या पाठ्यपुस्तकों की अनुपलब्धता है। ज्यादातर किताबें विदेशी लेखकों की लिखी हुई हैं। ऐसे में उनकी किताबों का भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो पाना भी मुश्किल है। प्रोफेसर का भी भारतीय भाषाओं में पढ़ाना मुश्किल है। हां संस्थान में विद्यार्थियों को समझाने का काम जरूर भारतीय भाषाओं-हिंदी व अन्य में किया जाता है, जो काफी प्रभावी है।
Published on:
16 May 2023 10:02 pm
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