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IIT: कोरोना का सामुदायिक संक्रमण रोकेगा डेशबोर्ड

locationअहमदाबादPublished: May 16, 2020 07:58:30 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

IIT-Gn, dashboard, corona , community, Lockdown, professor: आईआईटी -गांधीनगर ने की पहल

IIT: कोरोना का सामुदायिक संक्रमण रोकेगा डेशबोर्ड

IIT: कोरोना का सामुदायिक संक्रमण रोकेगा डेशबोर्ड

गांधीनगर. भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (IIT-Gn) गांधीनगर ने एक ऐसा कोविड-19 (covid-19) डेशबोर्ड (dashboard) तैयार किया है, जिससे प्रबंधक, अस्पताल और लोग कोरोना वायरस (corona virus) परीक्षण की योजना बना सकेंगे। यह सामुदायिक (community) तौर पर होनेवाले वायरस के संक्रमण रोकने के लिए भी मददगार बनेगा।
आईआईटी-गांधीनगर के शोधकर्ताओं के अनुसार शहर आधारित विभिन्न दृश्यों की जानकारी डेशबोर्ड से मिल सकेगी। उन्होने कहा कि लॉकडाउन के बाद सामुदायिक स्तर पर वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जांच की बेहतर योजनाओं और अभियान चलाने में विभिन्न टीमों के लिए मददगार होगा। इस डेशबोर्ड का नाम एम.आई.आर,ए,एच,डी, कोविड-19 डेश बोर्ड दिया गया है। मुख्यतौर पर देखा जाए तो बीमारी के संक्रमण मॉडल, सोशल कॉम्प्लेक्स और संपर्क पद्धति को भी शामिल किया गया। वहीं स्वास्थ्य जांच, संक्रमण की संख्या और अलग-अलग दर समेत कई जानकारियां हासिल की जा सकेगी। यह डेशबोर्ड शहरीस्तर के हिसाब से तैयार किया गया है, जो स्प्रेड मॉडल (spread model), परीक्षण, क्वारंटीन दर और संपर्क ट्रेसिंग दर एवं परिवहन पद्धति करने में सक्षम है। आईआईटी-गांधीनगर के सिविल विभाग के प्रोफेसर उदीत भाटिया एवं प्रोफेसर प्रसन्ना वैंकेटेश जो प्रमुख शोधकर्ता हैं और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉ. दीप चक्रबर्ती जो सलाहकार टीम में हैं। वहीं इस डेशबोर्ड को विकसित करने के लिए दो टीमें हैं, जिसमें पहली टीम में रविराज दवे, रोहन पाटिल और हर्ष पटेल हैं। यह टीम में संभवित नेटवर्क मॉडलिंग पर काम कर रही है। वहीं दूसरी टीम में शाहजैब खान, आयुष लोढा, कमलेश और कौशल मोदी हैं, जो मॉडलिंग को फैलाने पर काम कर रहे है।
आईआईटी-गांधीनगरके सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर उदिय भाटिया के अनुसार यह कोविड-19 को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जो आपातकाल के समय शोध में मददगार होगा। फिलहाल डेशबोर्ड का प्रारंभिक टेस्ट बेड अहमदाबाद तक ही सीमित है। देश के अन्य शहरों और राज्यों में मॉडल के लिए भी टीम काम कर रही है। ऐसे इलाके जिन्हें गृह मंत्रालय हॉटस्पॉट मानता है।
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