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आयुर्वेद को वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में विकसित कर रहा भारत : जाधव

जामनगर : आईटीआरए के प्रथम दीक्षांत समारोह में 234 छात्रों को प्रदान की डिग्री, केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री रहे मुख्य अतिथि जामनगर. आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) का प्रथम दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित किया। इस समारोह में केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव मुख्य अतिथि थे। सांसद पूनम माडम और संस्थान की निदेशक प्रो. डॉ. […]

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जामनगर : आईटीआरए के प्रथम दीक्षांत समारोह में 234 छात्रों को प्रदान की डिग्री, केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री रहे मुख्य अतिथि

जामनगर. आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) का प्रथम दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित किया। इस समारोह में केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव मुख्य अतिथि थे। सांसद पूनम माडम और संस्थान की निदेशक प्रो. डॉ. तनुजा नेसरी सहित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कुल 234 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।
इस अवसर पर जाधव ने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर भारत में आयुर्वेदिक शिक्षा और अनुसंधान की दिशा में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। आईटीआरए पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का अद्भुत समन्वय करते हुए राष्ट्रीय उत्कृष्टता का केंद्र बन चुका है।
उन्होंने कहा कि भारत आयुर्वेद को न केवल एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में, बल्कि वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर एक वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में विकसित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जामनगर न केवल सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और व्यावसायिक रूप से समृद्ध है, बल्कि आयुर्वेद और विज्ञान में शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का केंद्र भी है।
यहां आयुर्वेद के लिए पहला अनुसंधान केंद्र, पहला विश्वविद्यालय, योग, प्राकृतिक चिकित्सा और फार्मेसी संस्थान और अब आयुर्वेद सहित पारंपरिक चिकित्सा के लिए दुनिया का पहला विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से सेंटर भी अस्तित्व में आ रहा है। उन्होंने कहा कि इसलिए, भारत में आयुर्वेद अध्ययन, शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा के क्षेत्र में इस भूमि का अद्वितीय स्थान है।

वनतारा के साथ सहयोग करने की दिशा में आगे बढ़ रहे

उन्होंने कहा कि हम विश्व के सबसे बड़े वन्यजीव पुनर्वास केंद्र-वनतारा के साथ सहयोग करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्रस्तावित सहयोग में पशु आयुर्वेद पर अनुसंधान, वन्यजीव संरक्षण में आयुर्वेद का योगदान, प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त प्रकाशन और केस अध्ययन शामिल हैं।

समारोह में कुल 234 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। विदेश से आयुर्वेद का अध्ययन करने वाले छात्रों को भी डिग्री प्रदान की गई। 5 श्रेणियों में उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गए। इसके साथ ही सर्वश्रेष्ठ शोध और सर्वश्रेष्ठ शोध प्रकाशन के लिए 2 विशेष पदक भी प्रदान किए गए।

दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर

समारोह में राष्ट्रीय संस्थानों के साथ कुल 2 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें सीएसआईआर-राष्ट्रीय अंतर्विषयी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (त्रिवेंद्रम) और भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी फार्माकोपिया आयोग (गाजियाबाद) के साथ सहयोग शामिल है।
जाधव ने संस्थान की विभिन्न इकाइयों और अस्पतालों का निरीक्षण किया। उन्होंने धन्वंतरि मंदिर में भगवान धन्वंतरि की मूर्ति की पूजा की, विश्व स्वास्थ्य संगठन के जीटीएमसी भवन और संगठन के मुख्य भवन का दौरा किया और डॉ. पी.एम. मेहता की प्रतिमा का अनावरण किया।