
RRU: अब चौपाई में पढ़ सकेंगे भारतीय दंड संहिता
गांधीनगर. भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) ज्यादातर हिन्दी या अंग्रेजी में पढ़ी जाती है। आम लोगों के लिए कानूनी धाराओं को समझना आसान नहीं है। कभी-कभी विधि के जानकार लोगों को भी कानून की भाषा समझने में दिक्कत होती है। इसे ध्यान में रखते राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के राष्ट्रीय सुरक्षा और विधि विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी ने भारतीय दंड संहिता के 23 चैप्टर की 511 धाराओं को चौपाई में तैयार किया है। वर्ष 2020 में इसका कॉपीराइट भी पाया है।
डॉ. त्रिपाठी के अनुसार कानून की जानकारी आम आदमी के लिए सुगम और सरल हो, इसी उद्देश्य से संपूर्ण आईपीसी को चौपाई में तैयार किया है। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों,अधिवक्ताओं, लोक सेवकों, न्यायाधीशों व अन्य सभी को फायदा होगा। कोरोना महामारी के दौरान इसकी शुरुआत की लगातार 700 दिन तक हर दिन 8 घंटे का समय दिया।डॉ. त्रिपाठी ने 2014 के लोक सभा चुनाव के दौरान मोदी चालीसा की भी रचना की थी। इसके लिए उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामना संदेश पत्र के माध्यम से प्राप्त हुआ है।
पुस्तक को अमली जामा देना, तुकबंदी करना मुश्किल काम
प्रो.त्रिपाठी ने कहा कि कानूनी धाराओं को चौपाई में लयबद्ध करना कठिन था। खासतौर पर तुकबंदी बैठाना मुश्किल रहा क्योंकि इसमें तथ्यों से छेड़छाड़ किए बिना जन सामान्य के सम्मुख रखना था। वे इसे जल्द ही एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने वाले हैं। हर एक धारा पर एक एक वीडियो एपिसोड भी तैयार करने की योजना है।ये हैं चौपाई के अंश
23 अध्याय में आईपीसी समाई।
हर अपराध का समाधान है लाई।।धारा-10- उम्र सीमा नहीं आड़े आती।
जन्म से नर नारी कहलाती।।---------
धारा - 54 - सरकार मृत्युदंड को अन्य दण्ड में रूपांतरित कर सकती हैसमुचित सरकार को है अधिकारा।
मृत्यु दंडादेश का लघुकरण विचारा।।-------
धारा-55 - आजीवन कारावासमरते दम तक जब हो कारावासा।
वह कहलाये आजीवन कारावासा।।---------------------
धारा-99 - निजी रक्षा का अधिकारचाहे हो स्वस्थ या कोई विकारा (मंदबुद्धि)।
सब के विरुद्ध है स्व-बचाव अधिकारा।।------------------
धारा - 5 - कुछ विधियों पर आइपीसी प्रभाव नहीं डालेगानहीं कोउ प्रभाव पड़े अन्य विधियों के साथ,
है अद्भुत आइपीसी सदा बढ़ाए हाथ।।--
धारा - 499/500 - मानहानिकरता जो अन्य व्यक्ति मानहानी।
दो वर्ष जेल या जुर्माना जानी ।।--
धारा - 494 - दूसरा विवाह अपराधपूर्व विवाह का राज छुपाई।
फिर औरहु विवाह रचाई।।
धारा - 494 का दंड प्रावधानपति या पत्नि पुनर्विवाहा ।
सात बरस जेल या जुर्माना चाहा ।।
Published on:
24 Jun 2023 08:24 pm
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