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सरलता रखना जीवन की बहुत बड़ी संपत्ति : आचार्य महाश्रमण

मालवापरा से 10 किमी का विहार कर चडोतर गांव पहुंचे आचार्य महाश्रमण पालनपुर. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण रविवार को बनासकांठा जिले की पालनपुर तहसील के मालवापरा से लगभग 10 किलोमीटर का विहार कर चडोतर गांव में स्थित श्री महावीर धाम में पहुंचे। मुख्य प्रवचन के दौरान आचार्य महाश्रमण ने कहा कि झूठ, […]

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मालवापरा से 10 किमी का विहार कर चडोतर गांव पहुंचे आचार्य महाश्रमण

पालनपुर. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण रविवार को बनासकांठा जिले की पालनपुर तहसील के मालवापरा से लगभग 10 किलोमीटर का विहार कर चडोतर गांव में स्थित श्री महावीर धाम में पहुंचे। मुख्य प्रवचन के दौरान आचार्य महाश्रमण ने कहा कि झूठ, कपट, छल से आदमी की आत्मा मैली हो जाती है। उसका चित्त विकारों से भर जाता है। सरलता रखना जीवन की बहुत बड़ी संपत्ति होती है। आदमी को जहां तक संभव हो सके, सरलता रखने का प्रयास करना चाहिए, यह आत्मा के लिए हितकारी है।
उन्होंने कहा कि साधना के क्षेत्र में ऋजुता का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रश्न किया जा सकता है कि मोक्ष को कौन प्राप्त कर सकता है? शास्त्र में उत्तर देते हुए बताया गया कि जिसके जीवन में धर्म होता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। दूसरा प्रश्न हुआ कि किसके जीवन में धर्म ठहरता है? उत्तर दिया गया कि जिसका जीवन शुद्ध होता है, वहां धर्म ठहरता है। तीसरा प्रश्न किया गया कि शुद्ध कौन होता है? आगम में उत्तर दिया गया कि जो ऋजु होता है, उसकी शुद्धि होती है अथवा वह शुद्ध होता है। किसी से कोई गलती हो गई हो तो उसे बता देना और उसका प्रायश्चित्त करने से उसके दोष की शुद्धि हो जाती है। एक बच्चे की भांति सरलता होती है, किसी प्रकार का छल-कपट नहीं करता है, वह शुद्ध होता है, ऋजु होता है। बनासकांठा जिले के मुख्यालय पालनपुर में आचार्य महाश्रमण का जन्मोत्सव व पट्टोत्सव का कार्यक्रम निर्धारित है। श्री महावीर धाम के ट्रस्टी नवीन मोदी ने अपे विचार व्यक्त किए और आचार्य से आशीर्वाद प्राप्त किया।