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दिवंगत संत हरिप्रसाद स्वामी पंचतत्व में विलीन

हरिभक्तों ने अश्रुपूरित नयनों से दी अंतिम विदाई मुख्यमंत्री रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल रहे उपस्थित

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दिवंगत संत हरिप्रसाद स्वामी पंचतत्व में विलीन

दिवंगत संत हरिप्रसाद स्वामी पंचतत्व में विलीन

वडोदरा. सोखडा स्वामीनारायण मंदिर के दिवंगत संत हरि प्रसाद स्वामी की पार्थिव देह रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। सोखडा मंदिर परिसर के लीमडा वन में दोपहर को उनका अंतिम संस्कार किया गया। अश्रुपूरित नयनों से संतों और भक्तों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। वडोदरा के एक अस्पताल में पिछले सोमवार की रात को उनका निधन हो गया था। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल व शिक्षामंत्री भूपेन्द्र सिंह चुड़ास्मा भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
राजकोट के शास्त्री कौशिक त्रिवेदी सहित पांच पंडितों ने तीर्थ जल व गुलाब-केसर जल से अभिषेक के साथ अंत्येष्टि संस्कार कराया। भगवान स्वामीनारायण व विष्णु भगवान के प्रतिनिधि के तौर पर शालिगराम की पूजा करवाकर समग्र यजुर्वेद संहिता के पुरुषसूक्त के अनुसार दिवंगत संत के अंतिम संस्कार की विधि करवाई। अंतिम संस्कार के लिए चंदन, केर, पीपल, तुलसी व नीम आदि की लकडिय़ों का उपयोग किया गया। संतों ने दिवंगत स्वामी की पार्थिव देह को चरणकमल से अग्नि स्पर्श करवाकर चिता प्रज्वलित की। इससे पहले, शास्त्रोक्त विधि से अभिषेक पूरा करने के बाद पार्थिव देह को विशेष पालखी में रखकर मंदिर की प्रदक्षिणा कराई गई। बाद में लीमडा वन में पहुंचाया गया। मोगरी के अनुपम मिशन के यशभाई और देश-विदेश के संतों-भक्तों ने अंतिम दर्शन कर दिवंगत संत को भावांजलि अर्पित की। एलईडी स्क्रीन के जरिए अंतिम संस्कार विधि का प्रसारण कराया गया।