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मोदी ने २०१० में देखा था सपना जो आज हकीकत बना

-सीएम के रूप में मोदी ने २०१० में सपना, सीएम के रूप में ही २०१३ में शिलान्यास और आज होगा पीएम के रूप में करेंगे लोर्कापण

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मोदी ने २०१० में देखा था सपना जो आज हकीकत बना

उदय पटेल

अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ८ वर्ष पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जो सपना देखा था वह बुधवार को हकीकत बनने जा रहा है।
अखंड भारत के शिल्पी व देश की एकता व अखंडता को एक सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाने की बात सोची थी।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के रूप में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने वर्ष ६ अक्टूबर २०१० में देश के पहले उपप्रधानमंत्री और लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी याद में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा की घोषणा की थी। उन्होंने तब कहा था कि देश के युवाओं को अपने आजादी के लड़ाई के सिपाही के विरासत और देश की एकता व अखंडता को एक सूर में पिरोने वाले सरदार को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाई जाएगी।

तीन वर्ष बाद ३१ अक्टूबर २०१३ के दिन मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के साथ इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। तब सरदार की १३९वीं जयंती थी।

इसके बाद काम तेजी से आगे बढ़ता गया। उधर मुख्यमंत्री मोदी मई २०१४ में प्रधानमंत्री बन गए और इसके बाद यह काम और तेजी से बढ़ता रहा।
अब मोदी ३१ मई २०१८ को सरदार की १४३वीं जयंती पर सरदार की प्रतिमा को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरदार पटेल की प्रतिमा के चरणों में दीप प्रागट्य करेंगे।
इस तरह मोदी ने ८ वर्ष पहले जो एक सपना देखा था उसे हकीकत में बदल दिया। इस काम को पूरा होने में ५ वर्ष का समय लगा। मोदी अक्सर अपने भाषणों-संबोधनों में कहा करते हैं कि बड़ा सोचना चाहिए। बुधवार को जब वे स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण करेंगे तो सही में इसे पूरी दुनिया देखेगी और विश्व के मानचित्र में साधुबेट का नाम लोग जान सकेंगे।