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नेतान्याहू दंपत्ति के लिए गाइड बने मोदी

पहले हवाईअड्डे, फिर रोड शो के दौरान और गांधी आश्रम में गाइड की भूमिका

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अहमदाबाद. मेजबान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतान्याहू दंपत्ति के लिए बुधवार को गाइड के रूप में नजर आए। मोदी ने मेहमान प्रधानमंत्री व उनकी पत्नी सारा को पहले हवाईअड्डे, फिर रोड शो के दौरान और गांधी आश्रम में गाइड की भूमिका निभाई।
पहले मोदी ने मेहमान राष्ट्राध्यक्ष व उनकी पत्नी को हवाई अड्डे पर तरणेतर मेले में परंपरागत छतरी के बारे में बताया और साथ ही भवई में उपयोग में आने वाले भुंगल के बारे में जानकारी दी।
इसके बाद मोदी ने इस दंपत्ति को गांधी आश्रम में हृदयकुंज, सूत की माला व चरखे के बारे में बताया। मोदी ने नेतान्याहू और सारा को बताया कि उन्होंने जो सूत की माला पहनी है वह इसी चरखे से बनाई जाती है।
अब मोदी ने पहले नेतान्याहू के हाथ में पतंग की डोर पकड़ाई और फिर पतंग को उड़ाने के बारे में बताया। मोदी ने दंपत्ति को पतंग का महत्व और गुजरात में उत्तरायण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने रिवरफ्रंट के बारे में भी बताया।
इससे पहले गत वर्ष सितम्बर महीने में मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और उसकी पत्नी आकी आबे के लिए स्थानीय गाइड के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी।


नेतान्याहू के आभारी कि वे परिवार संग गुजरात आए: मोदी


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वे इजरायली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू के बहुत आभारी हैं कि उन्होंने गुजरात आने का निमंत्रण स्वीकार किया और परिवार के साथ वे यहां आए। इससे पहले गत वर्ष जून महीने में मोदी इजरायल गए थे तब उन्होंने नेतान्याहू को भारत व गुजरात आने का निमंत्रण दिया था।

आईक्रिएट के लोकार्पण पर खुशी


मोदी ने कहा कि आज जब वे आई क्रिएट का लोकार्पण कर रहे हैं तो वे स्वर्गीय प्रो. एन.वी. वसानी को याद करना चाहेंगे। उन्हें अच्छी तरह याद है कि जब आईक्रिएट की कल्पना की गई तो इसको मूर्त रूप देने की जिम्मेवारी प्रोफेसर वसानी के पास आई।
उन्होंने कहा कि किसान एक छोटा सा पौधा बोता है तो आने वाली कई पीढिय़ां उस विशाल वृक्ष के फल पाती हैं। किसान की आत्मा जहां कहीं भी होती है, यह देखकर निश्चित रूप से आनंदित होती है। आज आईक्रिएट के लोकार्पण पर उसी खुशी का अनुभव हो रहा है। किसी संस्थान का महत्व उसके जन्म के समय से नहीं आंका जा सकता है। सभी जानते हैं कि आज भारत ही नहीं, पूरे विश्व में फार्मास्यूटिकल के क्षेत्र में गुजरात का नाम है, पर बहुत कम लोगों को इसकी पृष्ठभूमि का पता होगा।
आज से लगभग 50-60 वर्ष पहले अहमदाबाद शहर के उद्योगपतियों के प्रयासों से एक फॉर्मेसी कॉलेज की स्थापना हुई थी। उस फॉर्मेसी कॉलेज ने अहमदाबाद और पूरे गुजरात में फॉर्मेसी के क्षेत्र में एक मजबूत ईको सिस्टम खड़ा कर दिया।