
Ahmedabad. अब रडार सिस्टम 360 डिग्री घूम सकेगा। वॉटर प्रूफ होने के चलते यह बारिश में भी कारगर है। यह जमीन के साथ आसमान और समंदर में भी उपयोगी साबित हो सकता है। अब इसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) से भी लैस किया जा रहा है, ताकि ये और बेहतर बने।
विश्वकर्मा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज (वीजीईसी) के विद्यार्थियों ने 360 डिग्री घूमने में सक्षम रडार सिस्टम डिजाइन किया है। पावर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के चौथे सेमेस्टर के छात्र रितेश कुमार, रुद्र सोनी, जैमिन अनावाडिया, हेत पटेल और देवांश तिवारी की टीम ने डॉ ए एम हक के मार्गदर्शन में इस रडार सिस्टम को तैयार किया है।
छात्रों का कहना है कि मौजूदा ज्यादातर रडार सिस्टम 180 डिग्री या 270 डिग्री रेंज को ही कवर करते हैं, लेकिन उनका सिस्टम 360 डिग्री घूमने में सक्षम है।टीम लीडर रुद्र सोनी ने कहा कि रडार में स्टेपर मोटर पर माउंट किए गए वॉटर प्रूफ अल्ट्रासोनिक सेंसर के साथ इसमें अरड्यूइनो यूएनओ माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग किया गया है। इसलिए यह 360 डिग्री घूम सकता है। इससे सिस्टम सभी दिशाओं को स्केन करने में सक्षम है। सेंसर अल्ट्रासोनिक ध्वनि तरंगें भेजता है, जो किसी अवरोध से टकराकर वापस आती हैं, उसमें जितना समय लगता है, उससे उसकी दूरी का पता चलती है। जावा और प्रोसेसिंग 4 के साथ विकसित रडार शैली के जीयूआई पर रियल टाइम डेटा प्रदर्शित होता है। इसमें वस्तु की दूरी, उसकी लोकेशन प्रदर्शित होती है। हेत पटेल ने कहा कि हमने रडार आउटपुट को संभव उतना सरल और बेहतर बनाने की कोशिश की है।
रितेश कुमार के मुताबिक सिस्टम को सेंसर कंट्रोल, मोटर कंट्रोल, सीरियल कम्युनिकेशन एवं जीयूआई डिस्प्ले जैसे मॉड्यूल में विभाजित किया है। हर मॉड्यूल पर विशेष ध्यान देकर ऐसे डिजाइन और संकलित किया है कि वह सभी मौसम में कार्यरत रहे।
देवांश तिवारी ने कहा कि टीम इसे एआई और आईओटी तकनीक के जरिए और इंटेलीजेंट बनाने पर काम कर रही है। ताकि यह रडार सिर्फ वस्तुओं को खोजे ही नहीं बल्कि उन्हें पहचान भी सके। जिससे यह स्मार्ट कार, रोबोटिक्स, डिफेंस और पर्यावरण देखरेख क्षेत्र में उपयोगी साबित हो।
Published on:
26 Apr 2025 09:06 pm
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