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स्नेहांजलि सोसाइटी विवादः मकान मालिकों को 22 तक खाली करने होंगे घर

35 साल बाद सोसाइटी गैरकानूनी घोषित, 25 परिवारों पर घर खोने का संकट, मनपा ने थमाया नोटिस, मुख्यमंत्री के दखल से मिला समय

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Snehanjali Society Case

स्नेहांजलि सोसाइटी (फाइल फोटो)

Ahmedabad: शहर के घाटलोडिया वार्ड स्थित स्नेहांजलि सोसाइटी का बिल्डर और महानगरपालिका (मनपा) के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद मकान मालिकों के लिए मुसीबत लेकर आया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लगभग 35 वर्ष पुरानी यह सोसाइटी गैरकानूनी घोषित कर दी गई है। ऐसे में इसमें रहने वाले लोगों के सिर से छत खोने की बारी आई है। अहमदाबाद मनपा ने इन मकानों को खाली करने और तोड़ने के लिए नोटिस दे दिए हैं। कार्रवाई भी शुरू करने की तैयारी थी, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से गुहार लगाने के चलते सीएम के दखल के कारण मकान मालिकों को कुछ दिन का समय मिला है। हालांकि उन्हें 22 दिसंबर तक मकान खाली करने होंगे।यह सोसाइटी पहले अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (औडा) के अधीन थी, अब यह अहमदाबाद महानगर पालिका के दायरे में आ गई है। इन मकानों को अब गैरकानूनी बताकर तोड़ने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं, जिसे लेकर यहां के नागरिकों में चिंता की लहर है।

बैंक से लोन लेकर खरीदा है मकान, टैक्स भी भरा

सोसाइटी निवासी हेमांग पटेल ने बताया कि उन्होंने बैंक से विधिवत लोन लेकर मकान खरीदा था और टैक्स भी नियमित रूप से सरकार को जमा किया है। यहां बिजली, पानी, सीवरेज लाइन की सुविधा है, हालांकि यहां सड़क नहीं बन पाई है। उन्होंने बताया कि इन मकानों को अवैध बताते हुए सोमवार को बिजली का कनेक्शन काटने के लिए टीम आई थी, लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की बात कहने पर कनेक्शन नहीं काटे गए थे। निवासियों का कहना है कि 35-40 साल से वे यहां रह रहे हैं और सभी दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं। अब अचानक नोटिस मिलने से वे असमंजस में हैं। उनका कहना है कि बिल्डर के यहां धरना देकर उन्हें मकान देने की बात कही जाएगी। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें छत से वंचित नहीं करने का भरोसा दिलाया है। हालांकि 22 दिसंबर तक मकान खाली करने का मौखिक रूप से नोटिस दिया है।लोगों का कहना है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट ने पहले 80 करोड़ रुपए का आकलन किया था, जिसे वकील के हस्तक्षेप के चलते बाद में घटाकर 41 करोड़ रुपए किया गया। मकान मालिकों ने मिलकर पौने चार करोड़ रुपए जमा भी किए हैं। बाकी राशि का भुगतान करने का बिल्डर ने आश्वासन दिया था, लेकिन अब रुपए जमा नहीं किए गए हैं।

सोसाइटी गैरकानूनी घोषित करने से लोग स्तब्ध

35 वर्ष बाद सोसाइटी को गैरकानूनी घोषित करने से यहां के लोग स्तब्ध हैं। लोगों का कहना है कि बिल्डर ने जिस मूल प्लॉट पर निर्माण की अनुमति ली थी, उसके बजाय किसी अन्य प्लॉट पर सोसाइटी का निर्माण करवा दिया। कानूनी उलझनों के बीच ये लोग सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था और न्याय की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उचित समाधान न मिलने पर 25 परिवारों को घर गंवाने की बारी आ रही है।

शास्त्रीनगर के सरदार पटेल नगर में रहने को अधिकांश की सहमति

जानकारी के अनुसार अहमदाबाद महानगरपालिका के उत्तर पश्चिम जोन के मनपा उपायुक्त की अध्यक्षता में मंगलवार को बोडकदेव स्थित मनपा कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में स्नेहांजलि सोसाइटी के सभी क़ब्जाधारक सदस्यों के साथ अस्थायी वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में बातचीत हुई। नारणपुरा के शास्त्रीनगर में हाउसिंग बोर्ड की ओर से निर्मित सरदार पटेल नगर के आवासों में शिफ्ट होने की पेशकश की गई। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में अधिकांश सदस्यों ने सहमति जताई थी। बताया गया है कि ये सदस्य इन मकानों में रहने का किराया भुगतान या अन्य वित्तीय मामलों को लेकर भी सहमत हुए हैं। इनका कहना है कि गुजरात हाउसिंग बोर्ड और अहमदाबाद महानगरपालिका की ओर से बनाए गए नियमों का पालन किया जाएगा। हालांकि एक सदस्य ने यह भी कहा कि इस संबंध में बुधवार को भी मनपा के अधिकारियों से मुलाकात की जा सकती है।