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तटस्थता से समाचारों की प्रस्तुति समय की आवश्यकता

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा, विश्व संवाद केंद्र की ओर से देवर्षि नारद जयंती पर छह पत्रकारों सम्मान

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narad jayanti

अहमदाबाद. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि तमाम दृष्टिकोण से विचार करके सत्यता व तटस्थता से समाचारों की प्रस्तुति वर्तमान समय की आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की इकाई विश्व संवाद केंद्र की गुजरात शाखा की ओर से देवर्षि नारद जयंती पर यहां रविवार को आयोजित पत्रकार सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने समाचार पत्रों को समाज का आईना बताते हुए कहा कि इनमें प्रकाशित होने वाली बातों का समाज पर व्यापक असर होता ह इसलिए पत्रकारों को घटना का तटस्थ निरुपण समाज हित में करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुगल के जमाने में दसों दिशाओं से बड़ी संख्या में सूचनाएं प्राप्त होती है और इनके आधार पर समाचार सत्यता व तटस्थता से प्रकाशित करने से मीडिया की प्रतिष्ठा बनती है। रूपाणी ने नकारात्मक समाचारों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे समाचार विध्वंसक, लंबे समय तक समाज व संस्कृति के लिए घातक होते हैं।
नारद पत्रकारों के आदिगुरु
रूपाणी ने देवर्षि नारद को पत्रकारों के आदिगुरु बताते हुए कहा कि वे देव-दानवों व मानवों के बीच विचरण कर सच्ची जानकारी प्रसारित करते थे, उसमें नकारात्मक विचार अथवा अपना दृष्टिकोण शामिल नहीं करते इसलिए उन्हेंं ऋषि कहा जाता है।
मीडिया क्रांति, झूठे समाचार प्रसारित ना हों
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया क्रांति के कारण मिनटों में समाचार दुनिया के कोने-कोने में पहुंचते हैं। इसलिए मीडिया के क्षेत्र में काम करने वालों का दायित्व बढ़ जाता है। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि इस कारण भी मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ती है।
आरएसएस कभी विचलित नहीं हुआ
रूपाणी ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले भारत देश में मीडिया भी अपना काम निरपेक्ष भाव से करे इसके लिए मीडिया से संवाद भी जरूरी है। वर्ष 1925 में स्थापना से वर्तमान समय तक आरएसएस की अनेक चर्चाएं होती हैं, लेकिन आरएसएस ने विचलित हुए बगैर अपना कार्य जारी रखा है। आरएसएस अनेक क्षेत्रों में कार्य करता है इनमें राष्ट्र चिंतन के लिए विश्व संवाद केंद्र कार्यरत है।
विशेष अतिथि आरएसएस के पश्चिम क्षेत्र के संघचालक डॉ. जयंतीभाई भाडेसिया ने कहा कि हमारे शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र में हमारे आदि गुरु ? रहे हैं जैसे कृषि क्षेत्र में बलराम, विद्या के क्षेत्र में मा सरस्वती और इसी प्रकार पत्रकारत्व के क्षेत्र में आदि गुरु देवर्षि नारद हैं। वे पत्रकार जगत व संवाद जगत के एक प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्हें आरएसएस ने आदि गुरु के तौर पर प्रस्थापित किया है।
इनको किया सम्मानित
साइबर जर्नलिज्म के क्षेत्र में जपन पाठक, रेडियो जर्नलिज्म में आरती संदीप व्यास पटेल, प्रिंट मीडिया में कौशिक मेहता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में निर्णय कपूर, विज्ञान विषय पर लेखन में नगेन्द्र विजय को और फोटो जर्नलिज्म के क्षेत्र में जवेरीलाल मेहता को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया।