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यात्रियों के लिए भ्रमजाल सा साबरमती स्टेशन!

नाम एक, स्टेशन दो... छूट जाती हैं यात्रियों की ट्रेनें

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Sabarmati station

यात्रियों के लिए भ्रमजाल सा साबरमती स्टेशन!

अहमदाबाद. शहर में साबरमती रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए भ्रमजाल सरीखा है। यहां मुख्य रेलवे स्टेशन के अलावा दो और उपनगरीय रेलवे स्टेशन हैं, लेकिन उनका नाम एक ही है। 'साबरमतीÓ नाम से दो स्टेशन अलग-अलग हैं। दोनों से अलग-अलग मार्गों के लिए ट्रेनें जाती हैं। जहां साबरमती रेलवे स्टेशन के पूर्वी छोर (धर्मनगर) से दिल्ली के लिए ट्रेनों की आवाजाही होती है, वहीं पश्चिमी छोर से सौराष्ट्र के लिए ट्रेनें जाती हैं, लेकिन यात्री इससे अनजान होते हैं।
साबरमती स्टेशन से ट्रेन पकडऩे वाले कई यात्रियों को जाना होता है कहीं और...और वे पहुंच जाते हैं दूसरे स्टेशन पर। इसके चलते कई बार उनकी ट्रेनें छूट जाती हैं। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के महानगर के अध्यक्ष शरद अग्रवाल ने यात्रियों को इस भ्रमजाल से निजात दिलाने के लिए स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है। इसके लिए वे रेल प्रशासन को ज्ञापन भी दे चुके हैं।
दरअसल, साबरमती स्टेशन पर धर्मनगर और साबरमती जेल दोनों ही ओर तीन-तीन प्लेटफार्म हैं, लेकिन फर्क इतना ही है कि धर्मनगर से महेसाणा-पालनपुर होते हुए राजस्थान-दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों का संचालन होता है। वहीं साबरमती जेल (राणिप) की ओर से वीरमगाम, सुरेन्द्रनगर होते राजकोट समेत सौराष्ट्र की ओर जाने वाली ट्रेनों का संचालन होता है।
इन स्टेशनों के बीच की दूरी आधा किलोमीटर है, और वहां पहुंचने के लिए ऑटोरिक्शा या किसी वाहन का ही सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में यदि कोई यात्री और विशेष तौर पर वह यात्री जो गुजरात के बाहर से आया हो। उसे दिल्ली या राजस्थान की ओर जाना हो और यदि वह साबमती जेल की ओर पहुंच जाए तो बगैर वाहन के दूसरे साबरमती स्टेशन (धर्मनगर) नहीं पहुंच सकता। यदि वह ऑटोरिक्शा से जाता है तो उसे घूमकर ढाई से तीन किलोमीटर का सफर तय करना होगा। यही हालात राजकोट, सुरेन्द्रनगर या जामनगर समेत सौराष्ट्र की ओर जानेवाले यात्रियों के साथ भी हो सकता है। यदि ट्रेन के प्लेटफार्म पर पहुंचने का समय कम हो तो वह ट्रेन भी चूक सकते हैं। आमतौर पर रोजाना ही ऐसे किस्से सामने आते रहते हंै, जिसमें यात्री ट्रेन का इंतजार करते रहे और ट्रेन रवाना हो जाती है। तीन वर्ष पूर्व अहमदाबाद (पश्चिम) के सांसद किरीट सोलंकी को भी स्थानीय जनता ने समस्या से अवगत कराया था, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
..तो लड़ेंगेे लड़ाई
यात्रियों को ऐसी समस्या से निजात दिलाने के लिए रेल प्रशासन को साबरमती के दोनों ही रेलवे स्टेशनों पर बोडऱ् लगाने चाहिए। ताकि यात्रियों को जानकारी हो सके। बोर्ड में बताना चाहिए कि कौन सी ट्रेन किस स्टेशन जाएगी। साबरमती स्टेशन (धर्मनगर) की ओर या फिर साबरमती स्टेशन (साबरमती जेल ओर) से जाएगी। यदि प्रशासन ने पन्द्रह दिनों में यह बदलाव नहीं किया तो आगामी दिनों में ग्राहक पंचायत इस मुद्दे को लेकर आंदोलन चलाएगी।
- शरद अग्रवाल,
अध्यक्ष- अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, अहमदाबाद