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Saptak: इस बार तीन महान संगीतज्ञों को समर्पित होगा सप्तक संगीत महोत्सव

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Saptak: इस बार तीन महान संगीतज्ञों को समर्पित होगा सप्तक संगीत महोत्सव

Saptak: इस बार तीन महान संगीतज्ञों को समर्पित होगा सप्तक संगीत महोत्सव

Saptak will be dedicated to 3 great musicians

हर वर्ष की तरह अगले वर्ष भी 1 जनवरी से सप्तक शास्त्रीय संगीत समारोह आयोजित किया जाएगा। देशभर में सबसे लंबे समय तक चलने वाला यह सबसे बड़ा शास्त्रीय संगीत समारोह में इस बार कथक सम्राट पंडित बिरजू महारा व महान संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा को समर्पित होगा।
इस बार का सप्तक संगीत समारोह तबला सम्राट पंडित किशन महाराज की 100वीं वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि के रूप में रहेगी। तीनों महान कलाकारों का सप्तक के साथ लंबा रिश्ता था। उनके लिए सप्तक हमेशा प्यारा था। सप्तक दुनिया का ऐसा पहला भारतीय शास्त्रीय संगीत महोत्सव है जो लगातार 13 दिनों तक चलता है।
अब तक सप्तक तबला सम्राट पद्म विभूषण पंडित किशन महाराज की 100वीं वर्षगांठ भी मनाएगा। बनारस घराना के महान तबला वादक सप्तक की स्थापना के साथ से जुड़े हुए थे। उन्होंने 1980 के पहले सप्तक संगीत समारोह में महान सितार वादक पंडित रविशंकर के साथ अपनी प्रस्तुति दी थी। सप्तक के संस्थापक ट्रस्टी पंडित नंदन मेहता भी पंडित किशन महाराज के शागिर्द रहे। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बनारस घराने के 15-20 तबला वादक तबले के अलग-अलग रूप में अपनी प्रस्तुति देंगे। इनमें तबला सोलो तबला ट्रायो, ताल वाद्य कचहरी और कमला शामिल है।
पंडित किशन महाराज को समर्पित तबले से जुड़े कुछ लाइव परफॉर्मेंस होंगे। इनमें पंडित कुमार बोस का ताल वाद्य कचेरी, जय चंद्र राव का मृदंगम, गिरिधर उडुपा का घाटम शामिल होगा।
तीन अलग-अलग घरानों के तबला वादक भी अपनी प्रस्तुति देंगे जिनमें पंडित योगेश समशी, उस्ताद अकरम खान और संजू सहाय शामिल हैं। यह तीनों 1997 में पंडित किशन महाराज ( तबला), पंडित बिरजू महाराज (नाल) और पंडित रविशंकर उपाध्याय (पखावज) की याद ताजा कराएंगे।

पंडित शिवकुमार शर्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पुत्र पंडित राहुल शर्मा और पंडित सतीश व्यास, अनुज अंजरिया संतूर पर प्रस्तुति देंगे। इन तीनों महान संगीतज्ञों की श्रद्धांजलि के लिए हर दिन कार्यक्रम की शुरुआत से पहले तीनों के स्मरण स्वरूप क्लीपिंग दिखाई जाएगी।

40 से अधिक सत्र, 135 से ज्यादा कलाकार

इस बार का सप्तक संगीत समारोह 40 से अधिक सत्रों का होगा और 135 से ज्यादा कलाकार इसमें अपनी प्रस्तुति देंगे। इनमें बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया, पंडित विश्व मोहन भट्ट, पंड़ित कृष्ण मोहन भट्ट, पंडित उमाकांत गुंदेचा, पंडित साजन मिश्रा, बेगम परवीन सुल्ताना, शुभा मुदगल की प्रस्तुति होगी।
इसके साथ ही कुमार बोस, पूरन महाराज, राहुल शर्मा, अमान अली बंगश, रोनू मजूमदार, शाहिद परवेज़, शुभ महाराज, पंडित अजय पोहनकर, उस्ताद अकरम खान, अनीश प्रधान, फजल कुरैशी, शुजात खान, उल्हास कशलकर सहित कई कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। शास्त्रीय नृत्य के तहत पंडित बिरजू महाराज की दूसरी और तीसरी पीढ़ी प्रस्तुति देगी। इनमें उनके पुत्र दीपक महाराज आर उनकी पौत्री रागिनी महाराज शामिल हैं।
इस बार का एक और आकर्षण जसरंगी होगा जिसमें महिला व पुरुष की युगल आवाज होगी जिसे संगीत मार्तंड पंडित जसराज ने विकसित किया था। इसकी प्रस्तुति सुमन घोष और अपूर्व घोष देंगे।