
वडोदरा. छोटा उदेपुर जिले की क्वांट तहसील के हांफेश्वर गांव में नर्मदा नदी के किनारे बना शिवमंदिर १८ वर्षों बाद जलस्तर घटने के बाद दिखाई दे रहा है। फिलहाल पांच फीट पानी होने के कारण मंदिर के दरवाजा नहीं खुले हैं, लेकिन श्रद्धालू नौकाओं से मंदिर में जाने लगे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नर्मदा का जल स्तर ६० फीट घटने से फिलहाल मंदिर में ५ फीट पानी रह गया है। मंदिर परिसर स्थित नंदी तीन फीट पानी में हैं। कुछ लोग तैर कर मंदिर के दरवाजे तक जा रहे हैं, तो कुछ श्रद्धालु नौका में बैठकर दरवाजे तक पहुंच रहे हैं।
नर्मदा का जलस्तर बढऩे से पिछले १८ वर्षों से यह मंदिर पानी में था, लेकिन अभी जलस्तर कम होने से मंदिर दिखाई देने लगा है। फिलहाल मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे आधे पानी में हैं। भक्त नाव में बैठकर मंदिर में दर्शन करने के लिए जाने लगे हैं। हांफेश्वर के नर्मदा तट से भक्त बोट में बैठकर मंदिर की कंपाउंड वॉल पर उतरते हैं और मंदिर परिसर में छोटी नावों में बैठकर जाते हैं।
१८ वर्ष बाद भी रंगरोगन जस का तस
मंदिर परिसर का निर्माण कार्य एवं अंदर के दरवाजे १८ वर्ष बाद पानी से बाहर दिखने लगे हैं, लेकिन उनका रंगरोगन व लकड़ी के दरवाजे अभी भी खराब नहीं हुए। साथ ही विद्युत लाइन भी है, जिसके पता चलता है कि यहां पर लाइट की व्यवस्था थी। श्रद्धालु मंदिर परिसर में मंदिर की हर वस्तु को देखकर शिव भगवान की लीला यथावत होने का मान रहे हैं। नर्मदा का जल स्तर इसी प्रकार कम होता गया तो पूरा मंदिर बाहर आ जाएगा।
स्थानीय लोगों को मिल रहा है रोजगार
कई वर्षों बाद मंदिर के दर्शन होने से भक्तों नौकाओं से मंदिर में जाने लगे हैं। भक्तों के आवागमन के चलते स्थानीय आदिवासी लोगों को रोजगार मिल रहा है। इतना ही नहीं, अपितु भक्तों की ओर नर्मदा दी में डाले जाने वाले रुपए को भी बालक चुम्मक से निकालने लगे हैं। मंदिर का किराया प्रति व्यक्ति १० रुपए है।
Published on:
01 May 2018 04:46 pm
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