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सोमनाथ मंदिर की वास्तुशिल्प डिजाइन पर बन रहा सोमनाथ रेलवे स्टेशन

विश्व स्तरीय, अत्याधुनिक स्टेशन भवन के रूप में सोमनाथ में किया जा रहा पुनर्निर्मित 157.4 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से मार्च 2025 में होगा तैयार

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सोमनाथ मंदिर की वास्तुशिल्प डिजाइन पर बन रहा सोमनाथ रेलवे स्टेशन

सोमनाथ मंदिर की वास्तुशिल्प डिजाइन पर बन रहा सोमनाथ रेलवे स्टेशन

अहमदाबाद/राजकोट. पश्चिम रेलवे के अधीन पुनर्विकसित किए जा रहे स्टेशनों में शामिल सोमनाथ स्टेशन का पुनर्विकास कार्य शुरू हो चुका है और तेजी से चल रहा है। यह कार्य पश्चिम रेलवे के भावनगर मंडल की गति शक्ति यूनिट की ओर से किया जा रहा है।
सोमनाथ स्टेशन को 157.4 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से एक आधुनिक स्टेशन के रूप में मार्च 2025 तक पुनर्विकसित करने का लक्ष्य है। 1 सितंबर से इस स्टेशन को कार्य के लिए बंद कर दिया गया है और मौजूदा स्टेशन भवन को गिराने का कार्य चल रहा है। नींव के लिए खुदाई के साथ ही नींव भरने का कार्य भी जारी है।
रेलवे स्टेशन छत पर 12 शिखर करेंगे 12 ज्योतिर्लिंगों का प्रतिनिधित्व
सोमनाथ स्टेशन को वास्तुशिल्प परिवेश के साथ डिजाइन किया जा रहा है। संपूर्ण स्टेशन परिसर उपयुक्त अग्रभाग, फिनिश, रंग, सामग्री, बनावट और समग्र रूप और अनुभव के माध्यम से एकीकृत किया जा रहा है। मुख्य स्टेशन भवन की छत के स्तर पर 12 शिखर होंगे जो 12 ज्योतिर्लिंगों का प्रतिनिधित्व करेंगे। आगे की डिजाइन सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के समान होगी। इसकी डिजाइन भारतीय संस्कृति और परंपरा के विभिन्न पहलुओं को प्रतिबिंबित करेगी और प्राचीन एवं आधुनिक वास्तुकला का एक सुंदर मिश्रण होगी।

यह सुविधाएं होंगी उपलब्ध

सोमनाथ रेलवे स्टेशन को विभिन्न सुख-साधनों और सुविधाओं के लिए पर्याप्त क्षेत्रों के साथ एक अच्छी तरह से डिजाइन किए गए स्टेशन के रूप में अपग्रेड और पुनर्विकसित किया जा रहा है। इस योजना में अलग-अलग आगमन/प्रस्थान यात्री प्लाजा, स्टेशन परिसर में भीड़-भाड़ मुक्त और सुगम प्रवेश/निकास, भूमिगत पार्किंग व्यवस्था आदि शामिल हैं। प्लेटफार्मों पर भीड़-भाड़ कम करने के लिए प्लेटफॉर्मों के ऊपर यात्री सुख-साधनों और सुविधाओं से युक्त पर्याप्त कॉनकोर्स/प्रतीक्षा स्थान उपलब्ध होंगे। पूरे स्टेशन परिसर में वाई-फाई कवरेज होगा।

दिव्यांगजनों के लिए 100 फीसदी अनुकूल

रेलवे स्टेशन दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं से लैस होगा, जिससे यह 100 फीसदी दिव्यांग अनुकूल होगा। ऊर्जा, जल और अन्य संसाधनों के कुशल उपयोग, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग आदि की सुविधाओं के साथ स्टेशन भवन ग्रीन बिल्डिंग होगा। बैटरी चार्ज करने की सुविधा और बैटरी चालित वाहनों के संचालन का भी प्रावधान किया जा रहा है। स्टेशन अत्याधुनिक संरक्षा और सुरक्षा तकनीक से भी लैस होगा, जिसमें बेहतर स्टेशन प्रबंधन के लिए कुशलता से डिजाइन की गई विशेषताएं शामिल हैं।

त्रिवेणी संगम के कारण प्राचीनकाल से महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है सोमनाथ

त्रिवेणी संगम होने के कारण सोमनाथ प्राचीन काल से ही एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है और सोमनाथ मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में सर्वप्रथम है। गुजरात सरकार की ओर से किए जा रहे समुद्र तट विकास परियोजनाओं सहित विभिन्न पर्यटक आकर्षणों के साथ इसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाने के लिए इसका वृहद विकास किया जा रहा है। इसका नया अत्याधुनिक स्टेशन भवन इस शहर के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण होगा। यह यात्रियों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आधुनिक सुविधाओं और सुख-साधनों के साथ हवाई अड्डे जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

गांधीनगर केपिटल स्टेशन को भारतीय रेलवे ने सबसे पहले किया पुनर्विकसित

गुजरात में पश्चिम रेलवे का गांधीनगर केपिटल रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे का पहला ऐसा स्टेशन है जिसे विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित किया गया है। पश्चिम रेलवे के 6 स्टेशनों अर्थात सोमनाथ, सूरत, उधना, साबरमती, न्यू भुज और अहमदाबाद स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य प्रगति पर है।