
Ahmedabad. गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई की है। देश में आतंकी हमले का षडयंत्र रचे जाने का पर्दाफाश करते हुए उसमें शामिल तीन संदिग्धों को पकड़ा है। इसमें से एक को गांधीनगर में अडालज से सात नवंबर को जबकि दो को आठ नवंबर को बनासकांठा जिले से पकड़ा। इनके पास से तीन पिस्तौल, 30 कारतूस, चार लीटर केस्टर ऑयल, तीन मोबाइल, दो लैपटॉप बरामद हुए हैं। एक आरोपी के सीमा पार पाकिस्तान, अफगानिस्तान में बैठे लोगों से संपर्क में था।
पकड़े गए आरोपियों में तेलंगाना हैदराबाद राजेंद्रनगर निवासी अहमद मोहियुदीन सैयद (35), उत्तरप्रदेश के शामली जिले की केराना तहसील के सलारा जिन्जाना कस्बा निवासी आजाद शेख (20) और लखीमपुर खीरी जिले की निगासन तहसील के सिंघही कस्बा के पश्चिम चमरौधा वार्ड-1 निवासी मो. सुहेल खान(23) शामिल हैं।
एटीएस डीआईजी सुनील जोशी ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि ये अहमदाबाद, दिल्ली और लखनऊ की रैकी कर चुके थे। इनमें कई संवेदनशील जगह और भीड़भाड़ वाली जगह शामिल हैं। बीते एक साल में रैकी की होने की बात सामने आई है। तीनों कट्टर हैं।
गुजरात एटीएस डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि हैदराबाद से बाय रोड कार से अहमदाबाद आए अहमद सैयद को सूचना के आधार पर अडालज टोलनाका के पास आंध्रप्रदेश पासिंग की कार दिखने पर रोका। कार और उसकी तलाशी लेने पर कार से तीन पिस्तौल (दो ग्लॉक, एक बेरेटा), 30 कारतूस, चार लीटर अरंडी का तेल मिला, उसे सीज किया है। पकड़ लिया। कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने इसका 17 नवंबर तक का रिमांड मंजूर किया है।
जोशी ने बताया कि अहमद की पूछताछ में सामने आया कि 35 वर्षीय अहमद ने चीन से एमबीबीएस किया है। कई भाषा का अच्छा जानकार है। सोशल मीडिया में कई विदेशी लोगों से संपर्क में है, जिसमें अबू खदीजा भी है, जो प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट-खोरासन प्रोविंस (आईएसकेपी) से जुड़ा है। उसके जरिए यह भारत में आतंकी हमले का षडयंत्र रच रहा था। उसके लिए धनराशि जुटाने, हथियार इकट्ठा कर रहा था। इसके लिए ही यह गांधीनगर के कलोल आया था। कलोल में सूनसान जगह से इसने तीन पिस्तौल, 30 कारतूस को कब्जे में लिया था।
अहमद के मोबाइल फोन की जांच के आधार पर एटीएस टीमों ने बनासकांठा से अन्य दो संदिग्धों-आजाद शेख और मो.सुहेल खान को पकड़ा। इन दोनों ने ही कलोल में सूनसान जगह पर पिस्तौल, कारतूस रखे थे। उस लोकेशन से अहमद ने उन्हें बरामद किया था। हथियार रख दोनों यूपी जा रहे थे। आजाद सिलाई करता है,जबकि मो.सुहेल पढ़ रहा है।
जोशी ने बताया कि पूछताछ में आजाद और मो.सुहेल ने कबूला कि वे इन पिस्तौल, कारतूस को राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले से एक जगह से लेकर आए थे। कलोल में रखा था। राजस्थान की बॉर्डर पर पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए इन हथियारों को सीमा पार कर भेजा था। इसमें आमिर नाम के व्यक्ति की लिप्तता सामने आई है। वहां से इन्हें हनुमानगढ़ में रखा था।
डीआईजी जोशी ने बताया कि आरोपी अहमद के मोबाइल फोन से कई अहम सबूत मिले हैं। जांच में पता चला कि यह राइजिन नाम का जहर बना रहा है। जो साइनाइट से भी ज्यादा गंभीर जहर है। इसे ये हैदराबाद में बना रहा था। जो पाउडर फॉर्म में हैै। इसके लिए जरूरी साधन, कच्चा माल खरीदा था। केमिकल प्रक्रिया भी शुरू की।
Published on:
09 Nov 2025 10:34 pm
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