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गुजरात डायरी: अब भी वैक्सीन की मंजिल दूर

Vaccine, Gujarat diary, Ahmedabad, Corona

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गुजरात डायरी: अब भी वैक्सीन की मंजिल दूर

गुजरात डायरी: अब भी वैक्सीन की मंजिल दूर

अहमदाबाद. यह खबर डराने वाली है पर पाठकों को बताना भी जरूरी है इसलिये हमें लिखनी भी पड़ती है। अहमदाबाद में नगर निगम बहुत से सिविल वर्क भी करता है, जिस में अस्पताल संचालन भी शामिल है। निगम के सीईओ विजय नेहरा हैं जो मूलतः सीकर (राजस्थान) के ही हैं और गुजरात कैडर के योग्य आईएएस अफसरों में गिने जाते हैं। नेहरा का कहना है कि जिस रफ्तार से गुजरात में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उस हिसाब से 31 मई तक 60 लाख की आबादी वाले अहमदाबाद में 8 लाख कोरोना मरीज होंगे। विचित्र बात यह है कि कोरोना के 80-85 प्रतिशत मरीज एक ही तरह की धार्मिक, सामाजिक, व्यावसायिक, रहवासी, खान-पान, कारोबारी पृष्ठभूमि से हैं।
4 महानगर चैन्नई, हैदराबाद, सूरत और अहमदाबाद देश की अर्थवयवस्था के 4 पहिये हैं, जहां से समुद्री व्यापार सहित लगभग हर तरह का उद्योग व्यापार संचालित होता है। इनकी आबादी करीब 3 करोड़ है। इन चार स्थानों पर जबर्दस्त खतरा है कोरोना का। केंद्र सरकार ने इन पर विशेष ध्यान देने का निर्णय किया है। इनमें से सूरत और अहमदाबाद दो शहर तो ऐसे हैं जिनमें उत्तर, पश्चिम, पूर्व और मध्य भारत के करीब 20 लाख लोग रोजगार और शिक्षा पाते हैं। दक्षिणी और पश्चिमी राजस्थान के लाखों लोग तो मेडिकल और रोजगार के लिए जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के बजाए अहमदाबाद को ही खुद की राजधानी मानते हैं।
साथ ही ये दोनों शहर अपनी विशेष मेडिकल सुविधाओं के लिए भी जाने जाते रहे हैं। यहां वो सब इलाज मुहैया है जो यूरोप, अमरीका या जापान में उप्लब्ध है, नहीं है तो बस कोरोना का इलाज नहीं है। जिस तरह से दुनिया भर में अत्यधिक अमीर और विकसित देश कोरोना के शिकार बने हैं वैसे ही भारत के भी दो सर्वाधिक अमीर और विकसित राज्य महाराष्ट्र और गुजरात ही कोरोना के आसान शिकार बने हैं।
उत्तरप्रदेश और बिहार का हाल किसी भी अन्य बिमारियों में बहुत बुरा रहता है लेकिन वे इस बार तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति में हैं। यहां तक कि देश के तमाम कम जनसंख्या घनत्व और विकास की दौड़ में पिछड़े माने जाने वाले राज्य अभी तक कोरोना के लपेटे में नहीं आए हैं।
जो भी हो देश या दुनिया। गुजरात या राजस्थान या कोई और...कोरोना के लॉकडाउन ने ही बचा रखा है। ज्यों ही इसे खोलेंगे चाहे मोडीफाइड या फुल्ली ओपन...कोरोना को फैलने पसरने से कोई रोक नहीं पायेगा क्योंकि अब भी वैक्सीन की मंजिल दूर है।