
'वोट' और 'प्रतिभा' की ताकत को भुनाए भारत
उपेन्द्र शर्मा/उदय पटेल
अहमदाबाद. अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भारत दौरा भारत की वैश्विक स्तर पर ताकत को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है अगर भारत इस दौरे का इस्तेमाल 'वोट' और 'प्रतिभा' की ताकत को बढ़ाने के लिए करे। भारतवंशियों के वोट और वीजा संबंधी अमरीकी नियमों को थोड़ा शिथिल कराने के गंभीर प्रयास भारत सरकार को इस दौरे में करने चाहिए।
अमरीका में इस वक्त 44 लाख भारतवंशी रहते हैं, जिनमें से 15 लाख लोग वहां के मतदाता (वोट) भी हैं। शेष करीब 29 लाख लोगों में से 13-14 लाख लोग और मतदाता बन सकते हैं लेकिन विभिन्न नियमों के चलते बन नहीं पाते हैं।
ट्रम्प के राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे में करीब 36 भारतीय महत्वपूर्ण सरकारी-राजनीतिक पदों पर हैं। इनके अतिरिक्त नासा, गूगल, फेसबुक सहित कई प्रमुख कम्पनियों के आला पदों पर भी भारतीय हैं।
लेकिन भारत के पक्ष में वे वहां किसी दबाव समूह या राजनीतिक लॉबी की तरह काम नहीं करते हैं। जबकि इजरायल, चीन, अफ्रीका, जर्मनी के अमरीकी नागरिक ऐसा करते हैं। भारतवंशियों की उदासीनता के चलते भारत के हितों की रक्षा में उनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका नहीं बन पाती है। साथ ही एक दशक में भारतीयों के अमरीका जाने, वहां काम करने और सदा के लिए बसने में बहुत परेशानियां आ रही हैं। करीब 8 लाख भारतीयों को वहां रहने के बावजूद भी लम्बे समय से पीआर (पर्मानेन्ट रेजीडेंसियलशीप) नहीं मिली है। प्रतिवर्ष करीब भारत से करीब 80 हजार लोग अमरीका जाने के लिए आवेदन करते हैं।
वोट की ताकत पर दे जोर
अमरीका में बसे भारतीयों को मातृभूमि से जोडऩे के लिए नियमित रूप से कोई कार्यक्रम भारत सरकार को भारत और अमरीका में करने चाहिए ताकि वहां की सरकार भारत के संदर्भ में नीति बनाते वक्त भारतवंशियों के वोट की ताकत को माने। भारत सरकार को भी वहां के भारतीय मतदाताओं को भारतीय विदेश रीति-नीति के बारे में समय-समय पर जानकारी देनी चाहिए। साथ ही भारत को प्रयास करना चाहिए कि अमरीका में मताधिकार से वंचित भारतीयों को मताधिकार दिलाया जाए।
इसके अतिरिक्त क्या हो भारत के प्रयास....
गुजरात में अमरीकी वाणिज्य दूतावास की मांग
अमरीका में 14 लाख से अधिक गुजराती रहते हैं लेकिन अमरीका ने अपना वाणिज्य दूतावास मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बंगलौर, चैन्नई और कोलकाता में संचालित किए हैं। जबकि कुल बिजनेस का 60-70 प्रतिशत गुजरात से होता है। ऐसे में भारत सरकार को प्रयास कर अमरीका पर दबाव बना कर एक अमरीकी वाणिज्य दूतावास अहमदाबाद या सूरत में खोलना चाहिए।
साथ ही एच -1 बी वीजा के कोटा में वृद्धि करवानी चाहिए। टूरिस्ट और नॉन इमिग्रेंट लोगों के अमरीका जाने के लिए नीति ढीली की जाए। भारतीय छात्रों के वहां पढऩे जाने के नियमों में ढील दी जाए ताकि भारत अमरीका के बीच मेडिकल, बिजनेस, एजुकेशन और पर्यटन पर खास पोलिसी बने।
प्रफुल नायक, एसोसिएशन ऑफ इंडियन अमेरिकंस इन नॉर्थ अमेरिका (एआईएएनए-आईना) के भारत स्थित अध्यक्ष
अमरीका जाने के लिए जल्दी खुले पीटीशन
भारतीय लोगों के रिश्तेदारों को अमरीका जाने के लिए पीटीशन फाइल पहले 10 वर्ष में खुल जाया करती थी, लेकिन ट्रंप सरकार आने के बाद अब इसमें 15 वर्ष से ज्यादा का समय लग रहा है। इसलिए ऐसे पीटीशन को ऑन टाइम खुलना चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा भारतीय अमरीका जा सकें। पीटीशन खुलने में देरी होने पर 21 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अपने माता-पिता के साथ नहीं जा पाते।
मनीष शर्मा, अमरीकी ट्रेवल्स विशेषज्ञ
मेरे पापा ने मुझे व परिवार को अमरीका बुलाने के लिए वर्ष 2005 में पीटीशन फाइल किया था, लेकिन अब तक अभी पीटीशन नहीं खुल सकी है। पूर्व सरकार होती है तो यह 2015 में ही खुल जाती।
रूपा पटेल, अहमदाबाद (प्रोफेशनल)
मेरा अमरीका जाने का पीटीशन वर्ष 2006 से लंबित है, पिछले अमरीकी प्रशासन में जो काम 10 वर्ष में हो रहा था, वह अब 15 वर्ष में हो रहा है। अब मेरी पीटीशन संभवत: 2021 में खुलेगी।
-परेश शाह, अहमदाबाद (रिटायर्ड शिक्षक)
यह हैं ट्रम्प प्रशासन में प्रमुख पदों पर भारतीय
रीता बरनवाल- असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ एनर्जी ( न्यूक्लियर एनर्जी)
आदित्य बमजई- मेंबर ऑफ द प्राइवेसी एंड सिविल लिबर्टीज ओवरसाइट बोर्ड
प्रेम परमेश्वरन -मेंबर ऑफ द एशियन अमेरिकनस एंड पैसिफिक आईलेंडर एडवाइजरी कमीशन
बिमल पटेल -असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ द ट्रेजरी फॉर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस
मनीषा सिंह -असिस्टेंट सेक्रेटरी इन द ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस अफेयर्स
अजीत पाई -चेयरमैन ऑफ़ फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन
सीमा वर्मा -एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ द सेंटर्स फॉर मेडिकेयर एंड मेडिकेड सर्विसेज
काश पटेल- एडवाइजर द नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल
संपत शिवांगी- रिपब्लिकन फंडरेजर एंड ए पार्ट ऑफ द मेंटल हेल्थ सर्विसेज नेशनल एडवाइजरी काउंसिल
वनीला सिंह- चीफ मेडिकल ऑफिसर इन द यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ
Published on:
23 Feb 2020 12:40 am
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