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सोमनाथ मंदिर के वॉक-वे की दीवारों पर चित्रों से दिखेगा देव दरबार का नजारा

भगवान शिव, कैलाश पर्वत, शिव-तांडव, श्रीकृष्ण व विविध अवतारों के चित्र

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सोमनाथ मंदिर के वॉक-वे की दीवारों पर चित्रों से दिखेगा देव दरबार का नजारा

सोमनाथ मंदिर के वॉक-वे की दीवारों पर चित्रों से दिखेगा देव दरबार का नजारा

भास्कर वैद्य

प्रभास पाटण. गिर सोमनाथ जिले में प्रभास पाटण-सोमनाथ स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव मंदिर में आने वाले यात्रियों को वॉक-वे की दीवारों पर देव दरबार का नजारा दिखाई देगा।
करीब 45 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित करवाए जा रहे वॉक-वे के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ त्रिवेणी मार्ग की दीवारों पर भगवान शिव, श्रीकृष्ण एवं विविध अवतारों के चित्र बनाने का का कार्य रविवार को पूरा हो गया। आगामी 11 मार्च को महा शिवरात्रि पर दर्शन को लेकर इसे बनाया गया है।
सोमनाथ ट्रस्ट के ट्रस्टी सचिव प्रवीण के. लहेरी, सोमनाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पंकज रावल, सोमनाथ मंदिर के पूर्व पूजारी धनंजय दवे, ट्रस्ट के महा प्रबंधक विजयसिंह चावड़ा, कार्यकारी प्रबंधक दिलीपसिंह चावड़ा, ट्रस्ट के अधिकारी सुरूभा जाडेजा सहित अन्य ने शास्त्रों के गहन चिंतन के बाद इस योजना पर काम शुरु किया।

चित्र बनाने के लिए एक्सपीरीय पेंट का उपयोग किया गया। ये चित्र सूरत के गुजरात कला प्रतिष्ठान के 50 कलाकारों ने किया। इस कार्य में सूरत, नवसारी, वलसाड, भरूच, महेसाणा, वल्लभ विद्यानगर, जूनागढ़, पोरबंदर, भुज सहित अन्य स्थानों के निवासी, आदिवासी व मछुआरा समाज से जुड़े 50 कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई। 43 पुरुष व 7 महिला कलाकारों ने दीवारों पर 11 गुणा 4 फीट के आकार में कुल 66 ब्लॉक में चित्र बनाए।
सोमनाथ में वॉक-वे को आकर्षक व सोमनाथ महादेव के दर्शन करने के लिए आने वाले यात्रियों को प्राचीन देव दरबार की अनुभूति कराने वाले चित्र बनाकर कलाभिषेक कर रहे हैं। इनमें भगवान गणपति, परशुराम, बलि-वामन, नृसिंह अवतार, सूर्य देवता, भगवान गौतम बुद्ध, भगवान शिव, उनके 28 स्वरूपों, कैलाशपति, कैलाश पर्वत, शिव-तांडव, भगवान श्री कृष्ण, समुद्र मंथन, विश्वरूप दर्शन, वराह अवतार, कल्कि अवतार, राम अवतार, ऋषि-मुनि, रावण आदि के चित्र शामिल हैं।

आदिवासी व मछुआरा समाज के कलाकारों को प्रोत्साहन देकर उनकी कला को विकसित करने का काम किया जा रहा है।
- रमणिकभाई झापडिया, गुजरात कला प्रतिष्ठान