
साहित्यकार Mohammad Mankad साहित्य गौरव पुरस्कार से सम्मानित
गांधीनगर. गुजराती भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार मोहम्मद मांकड़ को गुजरात साहित्य अकादमी की ओर से वर्ष 2018 का साहित्य गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने 90 वर्षीय मांकड के गांधीनगर स्थित घर जाकर उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने गुजराती साहित्य की धरोहर को भावी पीढ़ी तक संवर्धित करने तथा इसके दायरे व प्रसार को और भी बढ़ाने की हिमायत की है।
रूपाणी ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि गुजराती साहित्य की भव्य विरासत से भावी पीढ़ी भी प्रेरणा ले तथा इस महान विरासत को समझे, संभाले और आत्मसात करे।
उल्लेखनीय है कि गुजरात साहित्य अकादमी की ओर से प्रति वर्ष गुजराती, हिन्दी, संस्कृत, ऊर्दु और कच्छी भाषा में अहम योगदान प्रदान करने वाले मूर्धन्य साहित्यकारों को साहित्य गौरव पुरस्कार से नवाजा जाता है। गुजराती साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2018 का साहित्य गौरव पुरस्कार मूर्धन्य और वयोवृद्ध साहित्यकार व लेखक मोहम्मद मांकड़ को प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि मांकड़ ने सात दशक से भी अधिक समय से संस्कारी और चिंतनात्मक साहित्य सृजन के माध्यम से गुजराती साहित्य और भाषा जगत की सर्वोत्कृष्ट सेवा की है। मांकड़ ने अविरत अमूल्य योगदान प्रदान कर अपनी लेखनी से समूचे गुजराती साहित्य को समृद्ध किया है। उन्होंने राजधानी गांधीनगर में साहित्य, संगीत और अन्य ललित कला के संवर्धन के लिए एक भव्य सांस्कृतिक भवन के निर्माण की इच्छा जताई।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुड़ास्मा, गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष प्रो. विष्णु पंड्या, युवा सेवा, खेलकूद एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग के प्रधान सचिव सीवी सोम, प्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक तथा साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।
Published on:
30 Nov 2019 04:14 pm
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