
drinking water supply,24x7 water supply in ajmer
अजमेर. बीसलपुर बांध भरने के साथ अजमेर की उम्मीदें बढ़ गई है। शहर को 24 घंटे में पेयजल सप्लाई का इंतजार है। आमजन को भी 48 घंटे के बजाय नियमित जलापूर्ति चाहिए। बांध भरते ही नेताओं (political leaders) ने भी मौका देखकर इसकी मांग उठा दी है।
अजमेर सहित जयपुर और टोंक जिले के शहरी और ग्रामीण इलाके पूर्णत: बीसलपुर बांध पर निर्भर हैं। पिछले साल कम बरसात के चलते बीसलपुर बांध खाली रह गया था। इसके चलते विभाग ने बीते वर्ष सितंबर-अक्टूबर से ही 72 घंटे के अंतराल में पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी थी। बांध में बीती 27 जुलाई तक महज 304.40 आरएल मीटर बचा था। बांध से प्रतिदिन (regular supply) अजमेर को 260, जयपुर को 400 और टोंक को 20 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही थी। अगस्त में हुई ताबड़तोड़ बरसात से बांध भर चुका है। इसका गेज 315.50 आरएल पार हो चुका है।
24 घंटे में पानी पहली प्राथमिकता
विधायक वासुदेव देवनानी (vasudev devnani), पूर्व एडीए अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा (shiv shankar heda) और अन्य ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि अजमेर (ajmer city) को 24 घंटे में जलापूर्ति हमारी पहली प्राथमिकता है। भाजपा सरकार (bjp govt) ने ब्राह्मणी नदी को बीसपुर से जोडऩे के लिए 6 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी पाइप लाइन और अन्य व्यवस्थाओं के लिए 166 करोड़ रुपए का प्रावधान शामिल है। जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला (dr. b.d.kalla) और अधिकारियों से मिलकर जल्द 24 घंटेजलापूर्ति की मांग करेंगे।
बजट मिला भरपूर, कहां किया खर्च?
पूर्व मंत्री ललित भाटी ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि बीसलपुर बांध की नींव अजमेर को 24 घंटे में जलापूर्ति (water supply) के लिए ही पड़ी थी। 1998-2002की गहलोत सरकार ने जलदाय विभाग को 75 एमएलडी स्टोरेज टैंक, पाइप लाइन (pipe line) डालने के लिए बजट दिया। बाद की भाजपा-कांग्रेस सरकार ने 25-25 एमएलडी के स्टोरेज टैंक, पाइप लाइन के लिए बजट दिया। सांसद रहते सचिन पायलट ने भी पाइप लाइन डालने के लिए पैसा दिया। इतना सब होने के बावजूद जलदाय विभाग (PHED) 24 घंटे में सप्लाई के संसाधन (resources) नहीं विकसित कर सका। बजट (budget) कैसे कहां खर्च हुआ, यह अजमेर के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को पूछना चाहिए।
ये है 13.50 टीएमसी पानी का गणित
-11 टीएमसी पानी चाहिए जयपुर, अजमेर, और टोंक जिले के लिए
-1.70 टीएमसी पानी प्रतिवर्ष हो जाता है वाष्पीकृत
-1 टीएमसी पानी होता है चोरी और काश्तकारी पेटे के उपयोग
315 यानि तीन साल का पानी...
बीसलपुर बांध में 315.50 से ज्यादा पानी पहुंच चुका है। इससे तीन साल जलापूर्ति (drinking water) हो सकती है। 2016 में बांध के पूर्ण भरा था। इसके बाद दो साल पर्याप्त बारिश (low rainfall) नहीं हुई। ढाई साल से जयपुर, अजमेर और टोंक ने पुराने स्टोरेज पानी का उपयोग किया है।
Published on:
20 Aug 2019 06:48 pm
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