5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ajmer Sharif Urs 2022दरगाह में रोज पकता है 7200 किलो प्रसाद, फिर भी कढ़ाह नहीं होती गरम

Ajmer Sharif Urs 2022 : ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित बड़ी देग में 120 मण (4800 किलो) और छोटी देग में 60 मण (2400 किलो) प्रसाद (तबर्रुक) मीठे चावल के रूप में रोज पकाया जाता है। हजारों जायरीन में यह प्रसाद बांटा भी जाता है।

2 min read
Google source verification
Ajmer Sharif Urs 2022दरगाह में रोज पकता है 7200 किलो प्रसाद, फिर भी कढ़ाह नहीं होती गरम

Ajmer Sharif Urs 2022दरगाह में रोज पकता है 7200 किलो प्रसाद, फिर भी कढ़ाह नहीं होती गरम

Ajmer sharif urs 2022 : ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह स्थित देग की खासियत यह है कि इसमें केवल शाकाहारी भोजन ही पकाया जाता है। यहां तक लहसुन और प्याज भी नहीं डाले जाते। देग में पकने वाली सामग्री निर्धारित है। इसकी बाकायदा दरगाह कमेटी में सूची उपलब्ध है। सूची के अनुसार देग में सामग्री डाली जाती है। यह प्रसाद मीठे चावल और खिचड़ी की तरह ही होता है। अंजुमन सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने बताया कि सभी धर्म के लोग देग में तैयार होने वाले प्रसाद को खा सकते हैं।

कढ़ाह की खासियत
देग की कढ़ाह का खासीयत यह है कि देग पकाते वक्त इसका ऊपरी हिस्सा गरम नहीं होता। पकती देग के दौरान इन पर हाथ रखा जा सकता है।

यह सामग्री डाली जाती है बड़ी देग में
चावल . 10 क्विंटल, चीनी 10 क्विंटल, घी 1 क्विंटल, मेवा 1 क्विंटल, जाफरान 2 पैकेट, हल्दी 20 किलो, आटा गेहूं 20 किलो, आटा उड़द 20 किलो, मैदा 15 किलो, केवड़ा 20 किलो, गुड 4 किलो, मैथी का आटा 3 किलो, अर्क गुलाब 20 किलो आदि।

मुगल बादशाह ने की थी पेश
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में बड़ी देग मुगल बादशाह अकबर ने और छोटी देग बादशाह जहांगीर ने पेश की थी। खादिम सैयद गनी गुर्देजी ने बताया कि बादशाह अकबर बेटे सलीम की पैदाइश पर आगरा से अजमेर तक पैदल चल कर आए और यहां दरगाह में देग पकवा कर मन्नत उतारी थी। इसी तरह यहां आने वाले जायरीन अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां श्रद्धानुसार छोटी या बड़ी देग पकवाते हैं। इसमें पकाए जाने वाला प्रसाद जायरीन में वितरित किया जाता है। गनी गुर्देजी ने बताया कि उनके बुजुर्ग दानियाल गुर्देजी ने बादशाह अकबर को जियारत कराई थी।

महीनों पहले बुकिंग
देग पकवाने के लिए जायरीन महीनों पहले बुकिंग करवा लेते हैं। अंजुमन सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह के अनुसार छोटी देग पर लगभग 50 से 1 लाख रुपए और बड़ी देग पर करीब 1 लाख 20 हजार से 2 लाख रुपए तक खर्च होते हैं। बड़ी देग केवल रात के समय ही पकाई जाती है। छोटी देग कभी कभी सुबह के समय भी पकाई जा सकती है। इसके अलावा इनमें दिनभर नजराना चढ़ाया जाता है। इनमें नकदी व आभुषण के अलावा चावल के कट्टे भी शामिल होते हैं। उर्स के दौरान रात के समय केवल छोटी देग की पकाई जाती है। बड़ी देग की बुकिंग बंद रहती है।


बड़ी खबरें

View All

अजमेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग