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पांच माह से फरार निरीक्षक ने किया सरेंडर, एसीबी ने किया गिरफ्तार

रिश्वत लेने के मामले में था पांच महीने से फरार, पुलिसकर्मी लिप्त थे अवैध बजरी परिवहन में  

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अजमेर

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Manish Singh

Sep 28, 2019

पांच माह से फरार निरीक्षक ने किया सरेंडर, एसीबी ने किया गिरफ्तार

पांच माह से फरार निरीक्षक ने किया सरेंडर, एसीबी ने किया गिरफ्तार

अजमेर. बजरी से भरे ट्रकों को निकालने के मामले में रिश्वत लेने के आरोपी फरार निलम्बित निरीक्षक विजेन्द्रसिंह गिल ने शुक्रवार को अजमेर की एसीबी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। एसीबी अजमेर चौकी ने गिल को अदालत से गिरफ्तार कर लिया। गिल को शनिवार सुबह अदालत में पेश किया जाएगा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसीबी अजमेर) सी. पी. शर्मा ने बताया कि पांच माह से फरार चल रहे टोंक पीपलू के तत्कालीन थानाप्रभारी विजेन्द्रसिंह गिल ने शुक्रवार दोपहर एसीबी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट की सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक महिपाल चौधरी ने गिल को गिरफ्तार किया। एसीबी टीम गिल से बजरी के अवैध खनन और डम्पर चालकों से वसूली रिश्वत की रकम के संबंध में पड़ताल में जुटी है।

सिपाही ने रिश्वत लेना कबूला!

शर्मा ने बताया कि जयपुर एसीबी ने 16-17 मई की रात को परिवादी रामप्रसाद गुर्जर की शिकायत पर पीपलू थाना क्षेत्र में ट्रेप कार्रवाई करते हुए कांस्टेबल कैलाश चौधरी व दो अन्य को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। एसीबी टीम ने चौधरी से रिश्वत की राशि के अलावा एक लाख 45 हजार रुपए की रकम बरामद की। कांस्टेबल चौधरी ने एसीबी की पड़ताल में बताया कि वह कलेक्शन का काम थानाप्रभारी विजेन्द्रसिंह गिल के इशारे पर करता है। बरामद की गई रकम ट्रक चालकों से वसूली थी।

वाट्सएप कॉलिंग से पकड़ा

शर्मा ने बताया कि कांस्टेबल चौधरी व निरीक्षक गिल वाट्सएप कॉलिंग के जरिए बात करते थे, ताकि उनकी बातचीत टेप न कर सकें। एसीबी ने गिरफ्त में आए चौधरी से गिल की वाट्सएप कॉलिंग कराई। इसमें गिल ने लेनदेन करना कबूला।

पूरे थाने पर लगे थे आरोप

शर्मा ने बताया कि पीडि़त रामप्रसाद गुर्जर ने शिकायत में पीपलू थाने के प्रत्येक सिपाही पर बजरी के अवैध परिवहन में रिश्वत की राशि वसूली का आरोप लगाया था। एसीबी टीम ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद 16-17 मई की रात को ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया।

अग्रिम जमानत के प्रयास

शर्मा ने बताया कि फरारी के दौरान गिल ने राजस्थान हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने जमानत याचिका नामंजूर करते हुए सरेंडर के आदेश दिए। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद गिल ने अजमेर पहुंचकर एसीबी विशेष अदालत में सरेंडर किया।

रह चुके हैं अजमेर में
निलम्बित निरीक्षक गिल अजमेर के क्रिश्चियनगंज थाने में भी रह चुके हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी की टीम क्रिश्चियन गंज थाने भी पहुंची थी। गिल ने तैनाती के दौरान थाने का ऊपर का एक कमरा अपने लिए सुरक्षित रख रखा था।