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Achrya Vidhyasagar: आचार्य विद्यासागर ने अजमेर में ली थी दीक्षा, पावन है दीक्षास्थल

हावीर सर्किल के पास दीक्षास्थल पावन तीर्थ बन चुका है। यहां 71 फीट का कीर्ति स्तंभ और दीक्षा से जुड़े भित्ति चित्र उकेरे गए हैं।

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Acharya Vidyasagar took initiation in Ajmer

Acharya Vidyasagar took initiation in Ajmer

आचार्य विद्यासागर का अजमेर से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने 55 साल पहले अजमेर में आचार्य ज्ञानसागर महाराज से मुनि दीक्षा प्राप्त की थी। यह जैन समाज के लिए प्रमुख तीर्थस्थल है। दीक्षास्थल पर हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन के लिए आते हैं।

आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को चिक्कोड़ी सदलगा जिला बेलगांव कर्नाटक प्रांत में मल्लप्पा और श्रीमंती जैन अष्टगे के घर जन्म हुआ। उनका नाम विद्याधर रखा गया। नवीं कक्षा तक लौकिक शिक्षा लेने के बाद 1966 में आचार्य देशभूषण महाराज से उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत लिया।

1968 में अजमेर में ली दीक्षाआचार्य विद्यासागर ने 30 जून 1968 को आचार्य ज्ञानसागर महाराज से मुनि पद की दीक्षा ली। महावीर सर्किल के पास दीक्षास्थल पावन तीर्थ बन चुका है। यहां 71 फीट का कीर्ति स्तंभ और दीक्षा से जुड़े भित्ति चित्र उकेरे गए हैं।

पढ़ें यह खबर भी: व्याख्याताओं की कमी व अधूरे कोर्स के साथ बोर्ड परीक्षा देंगे विद्यार्थी

दो साल से प्रदेश के 6 हजार विद्यालयों में 18 हजार व्याख्याता पदों की स्वीकृति का इंतजार है। प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पहले से ही व्याख्याताओं के 21 हजार पद रिक्त हैं। ऐसे में करीब 38 हजार व्याख्याता के पद खाली हैं। इसी माह बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। जबकि विद्यालयों में ऐच्छिक विषयों का पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हुआ है।प्रदेश में मार्च 2022 में करीब चार हजार माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया गया था। उसके बाद अलग-अलग आदेशों में करीब 2 हजार उच्च प्राथमिक विद्यालय सीधे ही उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किए गए। उससे पहले 2021 में भी 240 विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किए गए। लेकिन उन स्कूलों में अभी तक व्याख्याता का 1-1 पद ही स्वीकृत है। ऐसे में कुल छह हजार स्कूलों को क्रमोन्नत किया जा चुका है। इसके बावजूद इन विद्यालयों में व्याख्याता नहीं मिल रहे। इसके चलते इस बार भी विद्यार्थियों को व्याख्याताओं के पढ़ाए बिना आधे-अधूरे पढ़े गए कोर्स के साथ ही परीक्षा देनी होगी।

इस साल भी व्याख्याता के बगैर पढ़ाई

क्रमोन्नत विद्यालयों को व्याख्याता नहीं मिलने का नुकसान विद्यार्थियों को उठाना पड़ेगा। क्रमोन्नत विद्यालयों के विद्यार्थियों ने पिछले साल भी बिना व्याख्याताओं के पहली बार 12वीं बोर्ड परीक्षाएं दी थी। अगले माह होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में भी इन विद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थी बिना व्याख्याताओं के दूसरी बार बोर्ड परीक्षा देंगे।


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