
MGNREGA work
भूपेन्द्र सिंह
अजमेर. वर्षो से उपेक्षित अजमेर विकास प्राधिकरण की पृथ्वीराज नगर योजना तथा डी.डी.पुरम योजना के विकास का खाका तैयार किया जा रहा है। पृथ्वीराज नगर के विकास में बाधक बने लैंड फॉर लैंड के प्रकरण निस्तारित करने तथा आवंटित भूखंडो के लिए कब्जे के निस्तारण के लिए प्राधिकरण आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। कमेटी में भूमि आवाप्ति अधिकारी, प्राधिकरण तहसीलदार, योजना जेईएन, भू-अभिलेख निरीक्ष तथा योजना लिपिक को शामिल किया गया है। कमेटी में शामिल अधिकारी, अभियंता तथा कार्मिक पृथ्वीराज नगर के विवादित भूखंडो की रिपोर्ट तैयार करेंगे। किसमें क्या दिक्कत है इसकी रिपोर्ट 30 जुलाई से पहले प्राधिकरण कमिश्नर को उपलब्ध करवानी होगी।
पृथ्वीराज योजना के लिए 2005 में माकड़वाली, चौरसियावास व आसपास के गावों की 1100 बीघा भूमि आवाप्त की गई। 2007 में 1100 प्लॉट की यह योजना लॉंच की गई। 60 फीसदी खातेदारों को भूमि के बदले भूमि दी जा चुकी है। 40 फीसदी को अभी भी इंतजार है। मुआवजा भी नहीं मिला है।
डीडी पुरम में पानी-बिजली के लिए बढ़ाए कदम
जबकि डी.डी.पुरम में पानी पहुंचाने के लिए जलदाय विभाग को पम्पिग स्टेशन, सर्विर्स रिसर्वर के लिए करीब 5 हजार वर्गगज जमीन नि:शुल्क आवंटित की जा रही है। बोर्ड बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गई है। डीडी पुरम में बिजली के लिए अजमेर डिस्कॉम को एक हजार वर्गगज जमीन देने की तैयारी चल रही है। प्राधिकरण आयुक्त ने इसके लिए अभियंताओं को निर्देश दे दिए हैं। पावर हाउस निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति जारी हो गई है। डिस्कॉम के मदार एक्सईएन के समक्ष लम्बित चल रहा है। प्राधिकरण एनएचआई से भी एनओसी लेने में जुटा हुआ है। डिस्कॉम यहां 33/11 केवी का पावर हाउस तैयार करेगा जिससे योजना क्षेत्र को बिजली दी जा सके। इस योजना के लिए वर्ष 2009 में 2300 बीघा भूमि आवाप्त की गई। इसमें 1600 बीघा सरकारी व 800 बीघा खातेदारी भूमि है। 4000 से अधिक भूखंड के साथ योजना वर्ष 2012 में लांच हुई। 50 फीसदी से अधिक खातेदारों को भूमि के बदले भूमि नहीं मिली। इसके चलते इस योजना के 4 ब्लॉक में विवाद चल रहा है। खातेदार खेती कर रहे है। वे कब्जा छोडऩे को तैयार नहीं है। लीज मुक्ती की भी मांग की जा रही है।
सरकार को जवाब भेज चुका एडीए
एडीए नगरीय विकास विभाग को पृथ्वीराज नगर तथा डीडीपुरम योजना के विकास में बाधक बने भूमि के लैंड फॉर लैंड के प्रकरणों को हल करने के लिए जवाब भेज चुका है। विभाग ने लैंड फॉर लैंड आवंटन समिति के प्रकरणों का मंत्रीगण की एम्पावर्ड कमेटी से अनुमोदन कराए जाने को लेकर प्राधिकरण से जवाब मांगा था। एडीए के अनुसार पृथ्वरीराज नगर योजना का अवार्ड 12 जुलाई 2005 को, डीडी पुरम योजना का अवार्ड 22 दिसम्बर 2009 को तथा चन्दवरदाई नगर का अवार्ड 6 अगस्त 1994 को जारी किया गया।
34 अवार्ड प्रकरण लम्बित
पृथ्वीराज नगर योजना एवं डीडी पुरम योजना के अवार्ड मिश्रित नकद (नकद राशि व भूमि के बदले भूमि) के थे एवं चंद्रवरदाई नगर योजना का अवार्ड नकद राशि का था। खातेदारों द्वारा नकद राशि प्राप्त करने के बजाय भूमि के बदले विकसित भूमि प्राप्त करने में ही रूचि दर्शाई गई । जिससे अवार्ड वितरण नहीं हो पाए। पृथ्वीराज नगर योजना में 9, डीडी पुरम योजना में 23 एवं चन्द्र वरदाई नगर योजना में 2 मामलों में न्यायालय में रेफरेंस (अवार्ड राशि जमा) विचाराधीन है। खातेदार को विकसित भूमि देने का निर्णयडीडी पुरम योजना में 20 प्रतिशत आवासीय एवं 5 प्रतिशत व्यावसायिक भूमि योजना में खातेदार को ही दिए जाने का प्रावधान होने से खातेदार को ही विकसित भूमि दिए जाना का निर्णय लिया गया हैं। 15 प्रतिशत विकसित भूमि राज्य सरकार के पूर्व के परिपत्रों के आधार पर दी जाएगी।
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Published on:
16 Jul 2021 08:23 pm
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