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रिस्क एंड कॉस्ट पर होगा महाराणा प्रताप स्मारक पर थ्री-डी लेजर शो का संचालन, जानें क्या है वजह

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रिस्क एंड कॉस्ट पर होगा महाराणा प्रताप स्मारक पर थ्री-डी लेजर शो का संचालन, जानें क्या है वजह

भूपेन्द्र सिंह /अजमेर .पिछले करीब डेढ़ साल से पुष्कर घाटी स्थित महारणा प्रताप स्मारक पर कम्प्यूटराइज्ड थ्री-डी लेजर लाइट शो का संचालन बंद करने के मामले में अब अजमेर विकास प्राधिकरण ने ठेकेदार कम्पनी मैसर्स दारा कंस्ट्रक्शन को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। प्राधिकरण सचिव की ओर से जारी आदेशों के अनुसार कम्पनी के खिलाफ अन्य सरकारी विभागों में ब्लैक लिस्ट किए जाने के लिए सिफारिश की जाएगी। वहीं एडीए अब शो का संचालन रिस्क एंड कॉस्ट पर करेगा। इसकी जिम्मेदारी भी कम्पनी की होगी। कम्पनी की अर्नेस्ट मनी भी जब्त कर ली गई है।

प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट पर 2 करोड़ 41 लाख रुपए खर्च किए। इसका ठेकादर कंस्ट्रशन को 7 जुलाई 2016 को दिया गया। इसमें लेजर शो का दो साल का संचालन व मेंटीनेंस शामिल था। ठेकेदार कम्पनी ने एक साल बाद ही 15 अगस्त 2017 के बाद संचालन बंद कर दिया। मामला उजागर होने तथा एडीए के दबाव में उसने फिर संचालन शुरू किया, लेकिन 12 दिसम्बर से लेजर शो का संचालन फिर बंद हो गया।

एडीए ने कम्पनी को 8 बार पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। कानूनी कार्रवाई भी होगीकम्पनी को ही इस प्रोजेक्ट की सुरक्षा करनी थी तथा स्किल्ड ऑपरेटर के जरिए इसका संचालन किया जाना था, लेकिन ठेकेदार कम्पनी शर्तों को पूरा करने में नाकाम रही। ठेकेदार ने शो की मशीन व कम्प्यूटराइज सिस्टम को भी लॉक कर दिया। प्रोजेक्ट को अनुपयोगी बना दिया यह आईपीसी की धारा 425 के तहत दंडनीय उपराध है साथ ही सम्पत्ति हानि (निवारण) अधिनियम की परिधि में आता है। प्राधिकरण कम्पनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए पेनल्टी भी लगाएगा।

8 बार लिखे पत्र, फर्म ने नहीं दी तवज्जो

प्रताप स्मारक पर थ्री-डी लेजर शो का संचालन कर रही जोधपुर की दारा कंस्टक्शन कम्पनी अपने 64 लाख 39 हजार रुपए के बकाया भुगतान के बिना शो का संचालन को तैयार नहीं है। कम्पनी की ओर से एडीए सचिव को इसके लिए स्पष्ट पत्र लिखा गया है। 57.40 लाख रुपए बकाया भुगतान तथा ओएंडएम के पेटे 6 लाख 99 हजार रुपए का तुरंत भुगतान मांगा गया। एडीए में जमा बैंक गारंटी की 4 लाख 38 हजार रुपए की भी तुरंत मांग की गई है। कम्पनी को 60 प्रतिशत यानी की 1 करोड़ 64 लाख रुपए का भुगतान एडीए कर चुका है। एडीए ने कम्पनी को 8 बार पत्र लिखे, लेकिन उसने कोई तवज्जो नहीं दी।