
अजमेर में प्रशासनिक लापरवाही: सेम्पल लेकर घरों में कर दिया क्वारंटाइन
अजमेर. अजमेर का हॉट स्पॉट बन चुके मुस्लिम मोची मोहल्ला क्षेत्र में चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक मरीज मिलने के बाद सैकड़ों लोगों के कोरोना जांच के लिए वहीं पर सेम्पल ले लिए गए और घरों में ही क्वारंटाइन कर दिया गया। जबकि होस्पिटल, क्वारंटाइन या होम शेल्टर में रखकर ही जांच के लिए सेम्पल लिए जाने चाहिए। पहले के मरीजों के साथ ऐसा किया भी गया है।
यह उठे सवाल
दरगाह बाजार से सटे मुस्लिम मोची मोहल्ला क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण इस तेजी से फैला है कि 12 घंटे में ही 79 केस सामने आ गए। इससे कई सवाल खड़े हुए हैं।
-इस क्षेत्र में घर-घर सर्वे सही तरीके से हुआ या नहीं, सर्वे हुआ है तो फिर यह लोग पहले ही सामने क्यों नहीं आ पाए ?
-एक मरीज सामने आने के बाद स्क्रीनिंग करके संदिग्ध लोगों को अस्पताल क्यों नहीं भेजा गया ?
-इस मामले में किस स्तर पर लापरवाही बरती गई है, इसे लेकर जिला प्रशासन ने क्या कदम उठाए ?
गाइड लाइन में क्या है नियम
कोविड 19 की गाइड लाइन के अनुसार जिन मरीजों के सेम्पल लिए जाते हैं उन्हें आइसोलेशन वार्ड/अस्पताल में भर्ती करना होता है। अगर कोई क्वारंटाइन सेन्टर में है तो सेम्पल लेकर उन्हें अंदर ही रखना होता है।
फिर यहां अवहेलना क्यों?
दरगाह बाजार में करीब 350 लोगों, महिलाओं व बच्चों के सेम्पल लिए गए। सेम्पल लेने के बाद 19 के अलावा सभी को होम क्वारंटाइन क्यों किया गया? जबकि जांच रिपोर्ट में नेगेटिव आने के बाद उन्हें होम क्वारंटाइन किया जाना चाहिए था।
आठ घंटे विभाग व प्रशासन की मशक्कत
मुस्लिम मोची मोहल्ला के पॉजीटिव केस आने के बाद उन लोगों को तलाशने में ही रात्रि 9 से सुबह 5.30 बजे तक का समय लग गया। ऐसे में चिकित्सा विभाग के अधिकारी, चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारियों का समय भी बेवजह जाया हुआ।
Published on:
24 Apr 2020 02:24 pm
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