अजमेर. अयोध्या मामले (ayodhya case) में फैसला आने से ठीक पहले शुक्रवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह (ajmer dargah) से बी शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की गई।
ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान (dargah diwan) सैयद जैनुअल आबेदीन ने सभी धर्मों के लोगों से अपील की है कि कोर्ट के फैसले को तहे दिल से कबूल करें। उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला आने पर अपनी तरफ से एेसा कोई कार्य नहीं करें कि किसी के दिलों को तकलीफ पहुंचे। दरगाह दीवान ने यह भी अपील की है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला जिसके हक में आए वह खुशी नहीं मनाएं और जिसके खिलाफ आए वह गम का इजहार नहीं करें। उन्होंने कहा कि जश्न-ए-ईदमिलादुन्नबी का मौका है। मोहम्मद साहब के बताए रास्ते पर चलें और उनकी शिक्षाओं पर अमल करते हुए अमन पसंद की मिसाल कायम रखें।
उधर खादिमों की संस्था अंजुमन के अध्यक्ष सैयद मोइन हुसैन चिश्ती ने कहा कि अजमेर शांतिप्रिय शहर है। एेसे में फैसला चाहे कुछ भी हो। किसी के भी हक में हो, हर सूरत में हमें अमन बनाए रखना है। उन्होंने हाल ही ख्वाजा साहब की महाना छठी पर भी दुआ के वक्त भी माइक पर यही संदेश दिया था। साथ ही दिल्ली में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर हुई बैठक में भी यही बात दोहराई।
गरीब नवाज की दरगाह में प्रबंध संभालने वाली दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने भी कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील की है।