
ख्वाजा की दरगाह के दीवान ने की उर्स में पाकिस्तान से आने वाले जत्थे पर रोक लगाने की मांग, कहा- जियारत करने आते हैं आईएसआई एजेंट
अजमेर.
ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले की पुरजोर शब्दों में निंदा की है। दरगाह दीवान ने इसे पाकिस्तान की कायराना हरकत बताते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि ख्वाजा साहब के उर्स में पाकिस्तान से आने वाले जत्थे पर अनिश्चितकालीन रोक लगाई जाए तथा पाकिस्तान से राजनयिक संबंध समाप्त कर पाकिस्तान उच्चायोग को तत्काल भारत से लौटने के निर्देश दिए जाएं।
दरगाह दीवान आबेदीन ने आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स में आने वाले पाकिस्तानी जत्थे को तत्काल आदेश से रोका जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ बरसों में यह तथ्य सामने आया है कि धार्मिक यात्रा के नाम पर आने वाले इस पाकिस्तानी जत्थे में यात्रियों को आईएसआई की ओर से भारत में अपने संपर्कों को साधने के लिए भेजा जाता रहा है। इस गोपनीय तथ्य को कई मर्तबा देश की खुफिया एजेंसियों ने सरकार के समक्ष रखा है, लेकिन राजनीति एवं कूटनीतिक बंदिशों के कारण भारत सरकार लगातार पाकिस्तानी जत्थे को अजमेर दरगाह पर आने की इजाजत देती रही है। इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और आईएसआई के एजेंटों को उर्स में भेजता रहा। उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरनाक है। इसलिए उर्स में पाक जत्थे को किसी भी सूरत में इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
दरगाह दीवान ने मांग की है कि आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिजन को सरकारी नौकरी एवं 1 करोड़ रुपए मुआवजा राशि के रूप में दी जानी चाहिए। उन्होंने राजस्थान के शहीद हुए 4 जवानों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रत्येक परिवार को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की है।
Published on:
15 Feb 2019 09:18 pm
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