
ajmer discom
अजमेर. जल्द ही बिजली की दरों में दस प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। बिजली कम्पनियां इसकी तैयारी में जुट गई हैं। दरों में बढ़ोतरी के लिए अजमेर डिस्कॉम (Ajmer Discom) ने राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (आरईआरसी) में याचिका दायर की है। आमजन इस याचिका पर आरईआरसी में अपनी आपत्ति 4 अक्टूबर तक अपनी दर्ज करवा सकता है। डिस्कॉम की याचिका तथा आमजन की आपत्ति पर सुनवाई के बाद आरईआरसी दरों में बढ़ोतरी पर निर्णय लेगी। पांच सौ यूनिट तक के घरेलू उपभोक्ता के एनर्जी चार्ज (Energy charge) तथा फिक्सचार्ज में 9-10 प्रतिशत बढ़ोतरी प्रस्तावित है। पांच सौ यूनिट के ऊ पर के उपभोक्ता को स्लैब वाइज टैरिफ का लाभ नहीं मिलेगा उनके कुल उपभोग पर 7.95 पैसे की दर तथा 430 रुपए प्रति कनेक्शन स्थायी शुल्क प्रस्तावित किया गया है। वाणिज्यिक व लघु उद्योग (Commercial and small scale industries) श्रेणी के फिक्स चार्ज में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। कृषि में फ्लैट रेट तथा कृषि मीटर कनेक्शन की दरों में भी बढ़ोतरी प्रस्तावित है। सरकार इसके पेटे सब्सिडी देती है। बीपीएल, आस्था कार्ड तथा लघु घरेलू उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
उद्योगों के लिए नई दर
कपड़ा, रेलवे ट्रेकशन (Railway traction), री-रोलिंग उद्योग के लिए नई दर प्रस्तावित की गई है। यह वर्तमान औद्योगिक दर से कम है।रात्रि में बिजली ली तो 10 प्रतिशत तक इंसेंटिव
एलआईपी श्रेणी के जिन उद्योगों का भार 125 केवीए से अधिक है उनके लिए द्यह्यह्नह्वश;टाइम आफ डेह्म्ह्यह्नह्वश; टैरिफ प्लान बनाया गया है। इन उद्योगों द्वारा सुबह 7 से 11 बजे तक बिजली लेने पर 10 प्रतिशत सरचार्ज (Percentage surcharge) देना होगा। लेकिन यदि ये उपभोक्ता रात्रि 12 से सुबह 6 बजे तक बिजली का उपभोग करते हैं तो उन्हें इस दौरान कुल उपभोग पर 10 प्रतिशत इंसेंटिव दिया जाएगा।13 हजार 981 करोड़ का राजस्व मिलेगा
अजमेर डिस्कॉम (Ajmer discom) के पास वर्तमान में 55 लाख 50 हजार 878 उपभोक्ता हैं। इनमें सालाना 12 हजार 642 करोड़ राजस्व मिलता है। प्रस्तावित नई दरों से डिस्कॉम को 13 हजार 981 करोड़ का राजस्व मिलने का अनुमान है। हालांकि चालू वित्तीय वर्ष के 6 माह निकल चुके हैं। इसलिए 650 करोड़ ही अतिरिक्त मिल पाएंगे।
डीबीएसटी के जरिए होगी खरीदयाचिका में प्रस्तावित किया गया है डिस्कॉम कम्पनियां ऊर्जा विकास निगम से बिजली खरीदेंगी। निगम ही बिजली सप्लायर (Electricity supplier) कम्पनियों को भुगतान करेगा। डिस्कॉम कम्पनियां निगम को डिफ्रेंशियल बल्क सप्लाई टेरिफ(डीबीएसटी) के तहत भुगतान करेंगी इससे विवाद की स्थिति समाप्त होगी।
Published on:
03 Sept 2019 11:09 am
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