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ऊपर से नीचे तक बंटवारासुविधा शुल्क के खेल में प्रतिमाह वसूले जाने वाले लाखों रुपए का बंदरबाट ऊपर से नीचे तक होता है। एसीबी (jail) मामले में जेल (jail) से जुड़े आलाधिकारियों (officers) की लिप्तता की पड़ताल में जुटी है। उल्लेखनीय है कि अजमेर सेन्ट्रल जेल में चलने वाले सुविधा शुल्क के खेल के संबंध में सीआईडी (CID) (जोन) ने भी गृह विभाग (home ministry), पुलिस मुख्यालय (police headquarters) व जेल प्रशासन को रिपोर्ट दी थी।
मर्डर- कई सालों से एक दूसरे को जानते थे दोनों, किराएदार बनकर आया था रफीक बरामद की आपत्तिजनक वस्तुएं
जेल कर्मचारी संजय सिंह, केसाराम वर्तमान में अजमेर जेल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग ले रहे थे। उनको दो माह पहले ही शिकायत पर हटाया गया था। एसीबी टीम ने उनके सामान की भी तलाशी ली, जिसमें कई प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की हैं, जबकि जेल कर्मचारी प्रधान बाना को भरतपुर लगाया गया था। वहीं अरुणसिंह चौहान को जयपुर से गिरफ्तार किया। वह भी जेल में सुविधा शुल्क वसूली के खेल में हिस्सेदार है।
एसपी (SP) राजीव पचार के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजमेर चौकी सी. पी. शर्मा, मदनदान सिंह (अजमेर स्पेशल चौकी), उप अधीक्षक (अजमेर) महिपालसिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सौभाग्यसिंह, बृजराजसिंह (दोनों भीलवाड़ा), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (टोंक) विजयसिंह व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (जयपुर) आलोक शर्मा की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
जेल कर्मचारी संजय सिंह, केसाराम वर्तमान में अजमेर जेल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग ले रहे थे। उनको दो माह पहले ही शिकायत पर हटाया गया था। एसीबी टीम ने उनके सामान की भी तलाशी ली, जिसमें कई प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की हैं, जबकि जेल कर्मचारी प्रधान बाना को भरतपुर लगाया गया था। वहीं अरुणसिंह चौहान को जयपुर से गिरफ्तार किया। वह भी जेल में सुविधा शुल्क वसूली के खेल में हिस्सेदार है।
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