
जेल में वसूली का खेल सीधे खातों में जमा होती थी रकम
अजमेर.
सेंट्रल जेल (central jail of ajmer) अजमेर में बंदियों से वसूली जाने वाले सुविधा शुल्क के मामले में गिरफ्तार (arrest) 4 जेल प्रहरी, सजायाफ्ता कैदी व उसके दो साथी दलाल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (anti corruption bureau) ने अदालत में पेश किया। अदालत ने 29 जुलाई तक आरोपियों को रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए। एसीबी आरोपियों के बैंक खाते में हुए लेनदेन का रिकॉर्ड खंगालेगी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (स्पेशल चौकी) (special cell) मदनदान सिंह ने बताया कि अजमेर सेन्ट्रल जेल (central jail) में बंदियों से सुविधा शुल्क के नाम पर वसूली करने वाले में गिरफ्तार अजमेर सेंट्रल जेल (central jail) का मुख्य जेल प्रहरी पुलिस लाइन (police line) निवासी अरुण कुमार चौहान, भरतपुर हाल अजमेर सेन्ट्रल जेल (central jail) निवासी संजय सिंह, जयपुर दूदू हाल अजमेर सेन्ट्रल (central jail) जेल प्रहरी प्रधान बाना, नागौर परबतसर पीलवा राबडिय़ा निवासी केसाराम जाट, सजायाफ्ता बंदी लौंगिया मोहल्ला निवासी दीपक उर्फ सन्नी, सागर तेजी और दरगाह बाजार (dargah bazar) हाल लौंगिया मोहल्ला निवासी प्रवेश उर्फ पोलू को अदालत में पेश किया। अदालत (court) ने आरोपियों को 29 जुलाई तक रिमांड (remand) पर दिया है। उन्होंने बताया कि एसीबी (ACB) ने कार्रवाई के दौरान बैंक खाते सीज किए थे। रिमाण्ड (remand) अवधि में विभिन्न बैंक खातों में किए गए लेनदेन पर गहनता से पड़ताल की जाएगी।
दो माह का ब्यौरा जुटाया
अनुसंधान अधिकारी पारसमल ने बताया कि जेल प्रहरी अरुण चौहान, संजयसिंह, प्रधान बाना, केसाराम, सजायाफ्ता बंदी दीपक उर्फ सन्नी, सागर व प्रवेश उर्फ पोलू के विभिन्न बैंकों के खाते मिले है। इन खातों को एसीबी ने सीज की कार्रवाई की है। बैंकों से खातों में दो माह का लेनदेन का ब्यौरा लिया है। जरूरत पडऩे पर खाते की 6 माह या उससे अधिक का भी ब्यौरा लिया जाएगा। आखिर जेल प्रहरी अरुण चौहान, संजय, प्रधान व केसाराम के खाते में उनके वेतन के अलावा कब-कब, कितना पैसा आया और उसे कब और किसके बैंक खाते में ट्रांसफर किया। इसी तरह दलाल प्रवेश उर्फ पोलू और सागर के बैंक (bank) खाते में डाली गई रकम, उसकी निकासी और ट्रांसफर से रकम किसने और कब जमा कराई का पता चल सकेगा।
Published on:
21 Jul 2019 03:03 pm
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