8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ajmer Nagar Nigam : जुर्माना तो दूर, हर्जाना भी माफ !

- अवैध निर्माण तोडऩे पर होता है हजारों का खर्चा- अतिक्रमियों से धेला भी नहीं वसूलता निगम

2 min read
Google source verification
Ajmer Nagar Nigam : जुर्माना तो दूर, हर्जाना भी माफ !

Ajmer Nagar Nigam : जुर्माना तो दूर, हर्जाना भी माफ !

हिमांशु धवल

अजमेर. नगर निगम खुद के खर्चे पर शहर में होने वाले अवैध स्थायी निर्माण तोड़ता तो है, लेकिन इस पर होने वाले खर्च में से धेले भर की वसूली भी अतिक्रमियों से नहीं की जाती। हालांकि ऐसी वसूली करने के नियम में स्पष्ट प्रावधान हैं। नगर निगम की जानकारी में आने पर अवैध निर्माण हटाया तो बेशक जाता है, लेकिन स्पष्ट नियम होने के बावजूद अतिक्रमियों से अतिक्रमण हटाने पर आया सरकारी व्यय और जुर्माना नहीं वसूला जाता है। इससे जहां एक ओर राजकोष में राजस्व नहीं मिलता, वहीं अतिक्रमियों से कोई वसूली नहीं किए जाने से वे दोबारा अवैध निर्माण और अतिक्रमण करने से भी नहीं चूकते ।
निगम क्षेत्र में होने वाले अवैध निर्माण और अस्थायी अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी निगम की होती है। नगर निगम में अस्थायी अतिक्रमण हटाने और अवैध निर्माण हटाने के लिए अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी हुई है। इसमें अस्थाई अतिक्रमण निगम के दल द्वारा नियमित रूप से हटाए जाकर अतिक्रमियों के साजो-सामान जब्त किए जाने के साथ ही स्थाई अवैध निर्माण भी नगर के विभिन्न हिस्सों में समय-समय पर हटाए जाते हैं। ऐसे निर्माण को हटाने में निगम की ओर से व्यय की गयी राशि अतिक्रमी से वसूलने के साथ ही उस पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। अतिक्रमण हटाने के लिए निगम के कर्मचारी और अधिकारियों के दस्ते सहित जेसीबी और ट्रैक्टर भी काम में लिए जाते हैं। लोडिंग वाहन और जेसीबी मशीन का किराया प्रति वाहन लगभग 800 रुपए प्रति घंटा होता है। अतिक्रमण हटाने का सम्पूर्ण व्यय नियमानुसार अतिक्रमी से ही वसूले जाने का नियम होने के बावजूद अमूमन निगम की ओर से ऐसा नहीं किया जाता। यहां तक कि निगम के पास ऐेसे अतिक्रमण हटाने में हुए खर्चे की वसूली का कोई आंकड़ा और ऐसे अतिक्रमण हटाने का कोई रिकार्ड ही नहीं है।

यूं होती है कार्रवाई
निगम में अवैध स्थायी निर्माण की शिकायत होने पर इसकी जांच के बाद अतिक्रमी को नोटिस दिया जाता है। नोटिस के जवाब और ऐसे मामलों में विधिक स्थिति का परीक्षण करने पर अवैध निर्माण होना पाए जाने पर निगम की ओर से उसे ध्वस्त किया जाता है। जानकारी के अनुसार अतिक्रमी के खिलाफ परिवाद दायर कर अतिक्रमण तोडऩे और मलबे को हटाने का खर्चा वसूला जा सकता है। ऐसे मामलों में जुर्माने की राशि 20 हजार रुपए तक हो सकती है। लेकिन निगम के सूत्र स्वीकार करते हैं कि यह प्रकिया काफी जटिल और लंबी होने से इसे अपनाया नहीं जाता।

हाल ही यहां तोड़े थे निर्माण
- आनासागर लिंक रोड पर नाले के पास कोठरी।

- आतेड़ की बगीची के पास सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण।
- वैशाली नगर गौरव पथ पर निर्मित चारदीवारी।

इनका कहना है...
नगर निगम क्षेत्र में स्थायी अवैध निर्माण हटाने पर नियमानुसार जुर्माना वसूला जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जा रहा है तो जुर्माना वसूली शुरू की जाएगी।

- चिन्मयी गोपाल, आयुक्त नगर निगम-अजमेर