शहर में प्लास्टिक थैलियों की प्रतिदिन खपत 10 हजार थैलियां सब्जी की दुकानों पर
5 हजार कैरीबैग फल विक्रेता/ ठेलों पर 5 हजार कैरीबेग डेयरी बूथ/ दुकानों पर
12 हजार कैरीबैग व प्लास्टिक की थैली किराणा दुकानों पर
अढ़ाई दिन का झोपड़ा : किताबों में पढ़ा था जैसा, हकीकत में नहीं है वैसा पाउच में आने वाली चीजें शहर में इन दिनों हर चीजें पाउच में उपलब्ध हो रही है। चाहे वह शैम्पू, तेल, क्रीम, हेयर कलर, अदरक-टमाटर का पेस्ट, सोस, चॉकलेट, कुरकुरे, चिप्स, बिस्कुट, दाल, चावल, सूजी, मैदा, बेसन, शक्कर, आटा, मिर्च-मसाले, नमक, चाय पार्सल, काला-सफेद नमक, नमकीन, सब्जी पार्सल, होटल में खाने की पैकिंग, पानी के पाउच, आइस क्रीम सहित अधिकांश खाद्य वस्तुएं प्लास्टिक की थैली या पाउच में आ रही है। यह रिसाइकिल भी नहीं होती है।
रोडवेज बस में बिना टिकट मिली 45 सवारियां ऐसे सुधारे अपनी आदतें – घर से कपड़े का थैला लेकर साथ चलने की आदत डालें – आगरा गेट पर लगी क्लोथ वेंडिंग (थैला) मशीन का उपयोग करें – दुकानों पर प्लास्टिक की थैली में पैक खाद्य पदार्थ नहीं खरीदें
– दुकानदार को कागज की थैली में सामान देने को कहें
– पाउच में आने वाली चीजों के स्थान पर बोतल खरीदने की आदत डाले
– चाय, दूध, दही आदि के लिए स्टील की केटली काम में ले ग्राहक के मांगने पर देनी पड़ती थैलियां
प्लास्टिक की थैलियों से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है यह हम सब जानते है। लेकिन ग्राहक के मांगने पर देनी पड़ती है। आज अधिकांश चीजें प्लास्टिक की पैकिंग में आ रही है। इन्हें रिसाइकिल किया जाना चाहिए।
– विशनदास हेमनानी, व्यापारी
पाउच में पैकिंग बंद करें वर्तमान में हर चीज पाउच में आ रही है। इसे बंद किया जाना चाहिए। ग्राहक प्लास्टिक की थैलियां मांगना बंद कर दे तो अपने आप ही समस्या का समाधान हो सकता है। प्लास्टिक की थैलियों का रिसाइकिल प्लांट लगाया जाना चाहिए।
– वासु वासवानी, व्यापारी