
lady boxer jyoti
इंसान यदि ठान ले तो मुश्किल से मुश्किल राह पर भी मंजिल पा सकता है। महिला होने के नाते पहले ही जीवन चुनौती पूर्ण रहा लेकिन तमाम परेशानियों व फब्तियों के बावजूद भी पति के सहयोग से मूलत: हरियाणा की रहने वाली ज्योति आज कई कुलों के दीये रोशन कर रही हंै। बचपन से ही दबंग बिना डरे किसी भी गलत बात के लिए लड़ जाने का हुनर रखने वाली ज्योति बॉक्सिंग में कई राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब जीत चुकी हैं।
वह पटेल स्टेडियम में बच्चों के साथ ही कई महिलाओं व अपने से उम्र में बड़े लोगों को मुक्केबाजी के गुर सिखा रही हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को यह आना बेहद जरूरी है ताकि वह खुद की आत्मरक्षा कर सके।
पति ने परिवार से लड़कर किया सहयोग- ज्योति ने बताया कि उनके पति सूरजमल चौधरी से उनकी शादी 16 मई 2010 को हुई थी। सूरज हाल ही में रेलवे में कार्यरत है वे स्वयं रेसलिंग (कुश्ती) में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडलिस्ट हैं। उन्होंने ज्योति की बॉक्सिंग के प्रति रूचि को देखते हुए परिवार से लड़-झगड़कर उनको शादी के बाद भी बॉक्सिंग से जुड़े रहने की न केवल अनुमति दी ब्लकि स्वयं उनकी डाइट से लेकर उनके प्रशिक्षण पर पूरा ध्यान देते हैं। अभ्यास के दौरान उनकी बेटी को भी सम्भालते हैं।
मेरे जैसा किसी के साथ न हो
ज्योति ने बताया कि बॉक्सिंग में अपना कॅरियर बनाने के लिए बहुत सी मुश्किलें झेलनी पड़ी। बिना किसी कोच या ट्रेनिंग के अपने जुनून से ही यह मुकाम हासिल किया। ज्योति का कहना था कि बच्चों को प्रशिक्षण देने का उद्देश्य भी यही है कि जो इस खेल में हुनर रखते हैं, उनके हौसलों को उड़ान मिल सके।
मैरी कॉम के साथ कर चुकी है ट्रेनिंग
ज्योति ने बताया कि वह मैरीकॉम के साथ ट्रेनिंग ले चुकी है। अभी कुछ ही समय पहले वह मैरीकॉम से मिली थी। मैरीकॉम का कहना था कि यदि कोई भारत की युवा लड़की मुझे रिंग में हरा दे तो मैं बॉक्सिंग छोड़ दूंगी। साथ ही ज्योति का यह भी कहना था कि मैरीकॉम उनकी मॉडल पर्सन है।
फेस खराब होने के डर से नहीं खेलतीं
ज्योति ने बताया कि लड़कियों व उनके माता-पिता को बेटियों की चेहरे की बहुत अधिक फ्रिक रहती है जिसके चलते वह बेटियों को मुक्केबाजी या इस तरह के मुश्किल भरे खेलों में जाने की अनुमति नहीं देते हैं। लेकिन उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि पूरे सुरक्षा इंतजामों के बाद ही खिलाड़ी को बॉक्सिंग की रिन्ग में उतारा जाता है।
सफलता मिली तब किया विश्वास
ज्योति ने बताया कि परिवार को कई दिनों बाद मुझ पर विश्वास हुआ। पहले जब मेरा जुनून देखते थे तो मेरे भाई गुस्सा करते थे। लोग भी फब्तियां कसते थे लेकिन बाद में जब सफलता मिलने लगी तो परिवार का पूरा सहयोग मिलने लगा।शिक्षा- ज्योति ने एम ए शारिरीक शिक्षा में करने के बाद बी.पीएड के बाद बॉक्सिंग में डिप्लोमा कर के पटियाला से एन एस एन आई एस कोर्स कर चुकी हैं।
Published on:
08 Mar 2017 11:43 am
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