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Ajmer urs 2019: बड़े कुल की रस्म में उमड़े जायरीन, गुलाब और केवड़े से हुई दरगाह की धुलाई

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अजमेरMar 14, 2019 / 04:23 pm

raktim tiwari

urs 2019 in ajmer

urs 2019 in ajmer

अजमेर.

दरगाह क्षेत्र में हर तरफ जायरीन का रैला, गुलाबजल और केवड़े की महक से सरोबार दरगाह परिसर, रह रह कर आती तोप की आवाज, शादियाने और ढोल नगाड़ों की गूंज के बीच ‘आज रंग है री मां, मेरे ख्वाजा के रंग है…और ख्वाजा ए ख्वाजगां मोईनुद्दीन… ’ जैसे सूफियाना कलामों पर झूमते अकीदतमंद। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 807वें उर्स में बड़े कुल की रस्म के दौरान रविवार को यह नजारा रहा। इसी के साथ जायरीन के लौटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
बड़े कुल की रस्म रविवार को हुई। गुलाबजल और केवड़े से दरगाह के विभिन्न स्थानों की धुलाई की गई। जायरीन ने दरगाह की धुलाई कर खुद को खुशनसीब समझा। दरगाह बाजार और शहर के कई इलाकों में उर्स की रौनक बनी रही। दरगाह परिसर सुबह जल्दी ही जायरीन की मौजूदगी से आबाद रहा। स्थिति यह थी लोग जिस तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे, उधर अचानक जायरीन का रैला आने से और धक्का-मुक्की के कारण लोगों को दूसरी तरफ रुख करना पड़ा। जैसे तैसे कर लोग मुकाम तक पहुंच पा रहे थे।
छोटा कुल हुआ था 14 को

प्रतिवर्ष एक से छह रजब तक उर्स मनाया जाता है। इसके तहत छोटे कुल की रस्म 14 मार्च को हुई थी। इसन दनि सुबह 11 बजे महफिलखाने में कुल की महफिल हुई। शाही चौकी के कव्वालों ने रंग और बधावा पढ़ा। दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन महफिलखाने से आस्ताना में गए। वहां कुल की रस्म हुई। इस दौरान कलंदर नाचते-गाते महफिलखाने पहुंच गए। उन्होंने दीवान की गद्दी पर बैठ कर दागोल की रस्म अदा की और हैरत अंगेज कारनामे दिखाए थे।
खिदमत का समय बदला
उर्स सम्पन्न होने के साथ ही आस्ताना में रोजाना होने वाली खिदमत का समय भी बदल गया है। खिदमत अब रोजाना दोपहर 3 बजे होगी।

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