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अजमेर में आनासागर झील के चारों ओर निर्माण के चलते घटे वेटलैंड की भरपाई करने की जिला प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है। अजमेर में तबीजी स्थित राधा स्वामी सत्संग परिसर के पीछे तथा वरुण सागर से सटे हाथीखेड़ा ग्राम पंचायत के नानकिया तालाब के पास वेटलैंड विकसित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। गत दिनों यहां राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान नागपुर (नीरी) की टीम ने सर्वे कर सुझाव दिए हैं। मिट्टी के नमूने सहित कई तकनीकी बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है।
नगर निगम आयुक्त देशलदान के निर्देश पर अजमेर विकास प्राधिकरण, नगर निगम के अभियंताओं व वन विभाग की टीम ने नीरी के सदस्यों को लेकर प्रस्तावित आर्द्र भूमि को विकसित करने के लिए संरचनात्मक उपाय जैसे बांधों चौड़ीकरण, पत्थर पिचिंग, राजमार्ग के साथ संरचनात्मक सुरक्षा और साइट-विशिष्ट मिट्टी विश्लेषण आदि किया है। यह योजना आगामी 40 सालों के लिए बनाई जा रही है।
नानकिया तालाब का आर्द्रभूमि के रूप में जीर्णोद्धार और विकास किया जाकर संरचनात्मक उपाय किए जाएंगे।
-मिट्टी के बांध की ऊपरी चौड़ाई 4.50 मीटर
-बांध की लंबाई लगभग 1000 मीटर है
-19 मीटर लंबाई का वेस्ट वीयर कंक्रीट
-दोनों ओर पत्थर पिचिंग की जाएगी
-रिसाव नियंत्रण और नींव को मजबूत करने के लिए ढलान पर बंध के नीचे मिट्टी की कट-ऑफ ट्रेंच
-अनुमानित लागत : 252.68 लाख रुपए
-फॉयसागर झील के ओवरलो होने के बाद गेट बंद करने की व्यवस्था के साथ स्लुइस गेट का प्रावधान है। फॉयसागर झील और नानकिया तालाब के जलग्रहण क्षेत्र को काट दिया गया है, इसलिए स्लुइस गेट को इस तरह से संचालित किया जाएगा कि वरुण सागर का प्रवाह प्रवाह बनाए रखा जा सके।
-अनुमानित लागत- 70.77 लाख रुपए
-आर्द्रभूमि के लिए बांध की ऊपरी चौड़ाई 4.50 मी. और ढलान
-दोनों ओर पत्थर पिचिंग
-तालाब की खुदाई साइट की स्थिति अनुसार
-बांध के शीर्ष पर क्वारी कचरे का उपयोग
-साइट के अनुसार सीमांकन
Published on:
30 Jun 2025 09:24 am
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