
bird fair
अजमेर. जिला प्रशासन व राजस्थान पत्रिका के सहयोग आनासागर झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए बर्ड फेर का आयोजन 17 से 19 जनवरी तक किया जाएगा।
अजमेर में पहली बार होने वाले इस अनूठे बर्ड फेर में विदेशी पक्षियों की गतिविधियों व प्रजातियों की जानकारी ले सकेंगे। इसके लिए झील के चारों ओर विभिन्न स्थलों पर व्यवस्था की जाएगी जहां बैठकर शहरवासी पक्षियों की जानकारी ले सकेंगे।
प्रकृति व पक्षियों में रुचि रखने वाले अजमेर जिला कलक्टर गौरव गोयल ने भी अजमेर में इस अनूठी पहल को सराहा है। उन्होंने कहा कि एेतिहासिक शहर अजमेर में विदेशी पक्षियों का आना यूं तो कई वर्षों से होता रहा है लेकिन इस प्रकार का कार्यक्रम पहली बार ही होगा।
हाल ही में मुख्यमंत्री ने भी अजमेर यात्रा के दौरान आनासागर झील को इस प्रकार विकसित करने को कहा था जिससे यहां प्रवासी पक्षियों के डेरे लग सकें ।
बर्ड फेअर की संयोजक जिला रसद अधिकारी दीप्ति शर्मा ने बताया कि बर्ड वाचिंग के शौकीन शहरवासी आनासागर झील के किनारे बारादरी पर, रीजनल कॉलेज के सामने चौपाटी तथा सागर विहार कॉलोनी (वैशाली नगर) के पीछे नवनिर्मित पाथ-वे की पाल से पक्षियों की उड़ान, झुंड में झील में पहुंचने, जल क्रीड़ा, पानी में किस तरह मछलियों को पकड़ कर अपना भोजन करते हैं, जैसी गतिविधियों को जान सकेंगे।
खास बात यह रहेगी कि मौके पर पक्षियों के जानकार इनकी प्रजाति व इनके रंगरूप व गतिविधियों की तकनीकी जानकारी आमजन को देंगे।
स्कूली बच्चों के लिए ड्राइंग प्रतियोगिता
आनासागर बारादरी पर बर्ड फेर का उद्घाटन 17 जनवरी को सुबह 8.30 बजे किया जाएगा। इस मौके पर स्कूली बच्चों की ड्राइंग प्रतियोगिता भी होगी। विभिन्न आयु वर्ग में होने वाली प्रतियोगिता में बच्चे मौके पर ही प्रकृति व पक्षियों व झील आदि के चित्र उकेरेंगे।
मेले के अंतिम दिन 19 जनवरी को विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। पक्षियों को देखने आने वाले लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था रहेगी। शहरवासी अपने साथ दूरबीन आदि भी लेकर आएंगे जो मौके से झील के बीच बैठे पक्षियों के बारे में जान सकेंगे।
हजारों मील दूर से आते हैं मेहमान पक्षी
पक्षियों के जानकार बताते हैं कि अजमेर में पक्षियों के आने का सिलसिला वर्षों पुराना है। यहां रूस, चीन, ईरान, अफगानिस्तान, तिब्बत, हिमाचल प्रदेश, बर्मा, नेपाल, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश आदि से पक्षियों के आने का सिलसिला कई वर्षों से निरंतर है।
इन जातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं
ग्रेट व्हाइट पेलिकन, पेटेंड स्ट्रॉर्क, कूट, बार हैडेड गूज, किंगफिशर, स्नैक बर्ड (डारमन), ग्रे हेटन, वाटर हेन कॉक, (जलमुर्गा), रेड शंक, डेबेचिक, (पनडुब्बी), ब्राउन हेडेड गल, बर्मीज डक प्रमुख प्रजातियां है। इनकी संख्या सर्दी बढऩे के साथ बढ़ती जाती है।
नवम्बर में पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है जो फरवरी के अंत तक रहता है। इसके बाद पक्षियों के लौटने का सिलसिला शुरू हो जाता है।
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