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कुछ के विकल्प मगर ईको फ्रेंडली डिस्पोजल की रेट पांच गुना अधिक

सिंगल यूज प्लास्टिक के बाद पेपर निर्मित डिस्पोजल पर आंच-पेपर निर्मित डिस्पोजल बंद के आदेश से पहले ही निगम के चालान काटने पर बढ़ा आक्रोश

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कुछ के विकल्प मगर ईको फ्रेंडली डिस्पोजल की रेट पांच गुना अधिक

कुछ के विकल्प मगर ईको फ्रेंडली डिस्पोजल की रेट पांच गुना अधिक

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध एवं पेपर निर्मित डिस्पोजल पर प्रतिबंध भले ही तैयारी सरकार की ओर से की गई हो लेकिन इनके सभी विकल्प अभी बाजार में उपलब्ध नहीं है। कुछ औद्योगिक इकाइयों की ओर से ईको फ्रेंडली डिस्पोजल का उत्पादन तो किया जा रहा है, मगर इनकी रेट करीब 5 गुना अधिक है। अजमेर ही नहीं प्रदेशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक एवं पेपर निर्मित डिस्पोजल की सप्लाई करने वाले व्यवसायियों पर दोहरी मार पड़ रही है। औद्योगिक इकाइयों से जहां पेपर निर्मित डिस्पोजल निर्मित हो रही है वहीं बाजार में नगर निगम की ओर से पेपर निर्मित डिस्पोजल पर भी चालान काट कर वसूली की जा रही है। इससे उद्यमियों व व्यापारियों में रोष व्याप्त है।

बाजार में विकल्प नहीं उपलब्ध

बाजार में चाय के गिलास, पानी के गिलास, दोने के विकल्प उपलब्ध नहीं हैं।

ईको फ्रेंडली डिस्पोजल की रेट की यह स्थिति

गन्ने के भूसे से तैयार ईको फ्रेंडली डिस्पोजल की रेट अन्य डिस्पोजल से करीब 5 गुना अधिक है। थर्माकॉल की प्लेट जहां 60 रुपए में 100 आती थी वही ईको फ्रेंडली प्लेट 300 रुपए में 100 मिल रही है। दोने 80 रुपए में 100 थे वे 200 रुपए में 100 आ रहे हैं। प्लास्टिक के चम्मच 20 रुपए में 100 थे जो अब 100 रुपए में 100 मिल रहे हैं।

फैक्ट फाइल

2000 औद्योगिक इकाइयां (प्लास्टिक कोटेड पेपर डिस्पोजल)3000 पेपर कप मशीनें

10,000 से अधिक परिवार40, 000 से अधिक परिवारों का रोजगार संचालित

व्यापारियों का आरोप-आदेश में विसंगति

व्यापारियों का आरोप है कि राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एक ओर तो शॉकोज नोटिस जारी कर औद्योगिक इकाई संचालकों से 29 जुलाई तक आपत्तियां मांगी गई है वहीं दूसरी ओर बाजार में पेपर निर्मित डिस्पोजल के चालान काटने के नगर निगम, पालिकाओं को आदेश जारी कर दिए। ऐसे में औद्योगिक इकाइयां ही नहीं दुकानों में भी पेपर निर्मित डिस्पोजल का स्टॉक पड़ा है। यही नहीं उन्होंने बताया कि अधिसूचना जारी होने के बाद 95 प्रतिशत पेपर घटक वाले लेमिनेटेड पेपर को लेकर भी स्पष्टीकरण आदेश जारी कर दिया।

इनका कहना है

प्लास्टिक कोटेड डिस्पोजल पर भी प्रतिबंध है। जनवरी माह से अब तक 24 मीटिंग औद्योगिक इकाई संचालकों व व्यापारियों के साथ की जा चुकी है। 1 जुलाई 2022 से इस पर प्रतिबंध है। सेन्ट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से भी मार्गदर्शन मांगा है, जिसमें प्लास्टिक कोटेड पेपर डिस्पोजल पर भी प्रतिबंध है। इकाई संचालकों को अपना स्टॉक खत्म करने के निर्देश पहले से दे दिए थे।

दीपक तंवर, क्षेत्रीय अधिकारी, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल

बॉक्स.....बाजार में धड़ल्ले से पॉलिथिन का उपयोग

नगर निगम की ओर से भले ही डिस्पोजल की दुकानों पर चालान काटने की कार्रवाई की जा रही हो लेकिन बाजार में पॉलिथिन का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। मंगलवार को भी पड़ाव, कवंडसपुरा में भी ठेला चालक व दुकानदार पॉलिथिन में सामान बेचते नजर आए।