राज्य में सस्ती बिजली का उत्पादन बढ़ाने के लिए 2023 में बांध, तालाब और झीलों में फ्लाेटिंग सोलर प्लांट लगाने की योजना बनाई गई थी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अजमेर की आनासागर, वरुणसागर, जयपुर की मानसागर झील, बीसलपुर व माही बांध का चयन किया जाकर राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और नेशनल थर्मल पॉवर कार्पोरेशन की टीम ने बांध, झीलों का उसी वर्ष फरवरी-मार्च में निरीक्षण भी किया। इसके बाद कोई काम नहीं हो सका।
ताकि कम हो वाष्पीकरण. . . विशेषज्ञों के अनुसार सोलर फ्लांट लगाने का मकसद बांध, तालाब और झीलों से पानी का वाष्पीकरण 65 से 70 प्रतिशत तक कम करना है। इससे जमीन की तुलना में 15 प्रतिशत तक ज्यादा बिजली बनती है।
इस तरह लगने थे प्लांट आनासागर, अजमेर- 2 मेगावाट वरुणसागर, अजमेर- 2 मेगावाटबीसलपुर बांध- 500 से 1000 हजार मेगावाट फ्लोटिंग प्लांट के यह फायदे -जमीन पर 1 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए 2 हेक्टेयर क्षेत्र की जरूरत-पानी में एक हेक्टेयर क्षेत्र में ही प्लांट लगाना आसान-जमीन-छत के मुकाबले 10 से 15 प्रतिशत ज्यादा बिजली उत्पादन-पानी के वाष्पीकरण में 62 से 70 प्रतिशत की कमीकाई कम जमने से ट्रीटमेंट प्लांट संचालन का खर्चा कम
टीम का था यह आंकलन सामान्य प्लांट के मुकाबले लागत 25 से 30 प्रतिशत अधिक-बांध, तालाब, झील में पानी का स्तर नहीं रहता समान -तेज हवा चलने पर पैनल के डेमेज होने का खतरा-आनासागर में अतिक्रमण, नौकायन
-वरुणसागर में प्लांट की सुरक्षा और देखरेख-बीसलपुर के लिए जल संसाधन विभाग की मंजूरी जरूरी पीएम सूर्यघर योजना पीएम सूर्यघर योजना के तहत घरों में सोलर पैनल्स इंस्टॉल किए जाते हैं। वहीं इस योजना के तहत सरकार लोगों को कमाने का मौका भी देती है। आप इन सोलर पैनल्स को सरकार द्वारा ट्रेन्ड व्यक्तियों से लगा सकते हैं। अगर आप भी ज्यादा बिजली के खर्चे से परेशान है, तो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना की ऑफिशियल वेबसाइट की सूचना के मुताबिक 50 हजार से ज्यादा लोगों को सोलर पैनल्स इंस्टॉल करने की ट्रेनिंग दी गई है।
इस ट्रेनिंग का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा घरों तक पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत बिजली देना है। आपके घरों में इन्हीं ट्रेन्ड व्यक्तियों के द्वारा सौलर पैनल इंस्टॉल किए जाएंगे। वहीं सोलर पैनल खरीदने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है।
पढ़ें यह खबर भी… जेएलएन अस्पताल में नहीं बनी बात जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के अस्थायी सफाई कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही। बकाया राशि की मांग को लेकर कर्मचारियों ने कामकाज नहीं किया। इसके चलते स्थायी कर्मचारियों ने परिसर, वार्डों और विभागों में सफाई की।ठेके पर कार्यरत सफाई कर्मचारी पिछले कई साल की बकाया राशि के भुगतान की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने अस्पताल प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे, उप अधीक्षक डॉ. अमित यादव और अन्य कर्मचारियों से वार्ता और समझाइश में जुटे रहे। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। कार्मिकों के अनुसार अस्पताल प्रशासन और ठेकेदार को कई बार पत्र दिए गए पर कोई असर नहीं हुआ है।