
forest dept annual census
अजमेर. वन विभाग सालाना वन्य जीव गणना की तैयारियों में जुट गया है। मई में वन क्षेत्रों में गणना की जाएगी। इसके लिए वनकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
वन विभाग प्रतिवर्ष अजमेर, किशनगढ़, टॉडगढ़, जवाजा ब्यावर, शोकलिया, पुष्कर और अन्य क्षेत्रों में वन्य जीव की गणना करता है। इनमें पैंथर, सियार, लोमड़ी, साही, हिरण, खरगोश, अजगर, बारासिंगा और अन्य वन्य जीव शामिल होते हैं। वन्य जीव की गणना के लिए वनकर्मी विभिन्न क्षेत्रों में मचान बांधकर वन्य जीव की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। इस बार भी वैशाख माह की पूर्णिमा की रात्रि में वन्य जीव गणना होगी।
जिले से घट रहे सियार
अजमेर मंडल में सियार तेजी से घट रहे हैं। 15-10 साल पहले तक मंडल में करीब 200 सियार थे। अब इनकी संख्या घटकर 25-40 तक रह गई है। पिछली वन्य जीव गणना में भी इतने ही सियार मिले थे। गणना में विभागीय आंकड़ों में खरगोश, साही, अजगर और अन्य वन्य जीव ही मिलते हैं।
गोडावण हुए नदारद
जिले के शोकलिया वन्य क्षेत्र से गोडावण नदारद हो चुके हैं। पिछले कई साल से वन विभाग को यहां गोडावण नहीं मिले हैं। 2001 की गणना में यहां 33 गोडावण थे। 2002 में 52, 2004 में 32 गोडावण मिले। इसके बाद यह सिलसिला घटता चला गया। पिछले पांच-छह साल में यहां एक भी गोडावण नहीं मिले हैं। वन्य जीव अधिनियम 1972 की धारा 37 के तहत शोकालिया वन क्षेत्र शिकार निषिद्ध क्षेत्र घोषित है।
Published on:
07 Apr 2019 07:44 am
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